Vidarbha, Irrigation
विदर्भ का सिंचाई बैकलॉग दूर होगा

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  • 426. 542- किमी लंबी नहर से जोड़ी जाएगी वैनगंगा-नलगंगा नदी 
  • 3,71,277- हेक्टेयर जमीन बनेगी सिंचित
  • 06 – उपसा सिंचाई का होगा समावेश
  • 1,011.4- मेगावाट बिजली का होगा निर्माण
  • 88,575-  करोड़ रुपये अनुमानित लागत

नागपुर नवभारत डेस्क: विदर्भ (Vidarbha) के सिंचाई (Irrigation) करने के लिए सरकार (Maharashtra Government) द्वारा ठोस कदम उठाया जा रहा है. वर्ष 1972 में देशस्तर पर नदियों को जोड़ने का प्रस्ताव तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री के.एल. राव ने रखा था. वर्ष 1982 में राष्ट्रीय जलविकास संस्था की स्थापना कि गई, जब 1990 में अटलबिहारी वाजपेयी की सरकार बनी तो उन्होंने सकारात्मक कदम उठाए और अब केन्द्र सरकार ने बजट में नदी जोड़ो प्रकल्पों के लिए प्रावधान करना शुरू किया है. राज्य सरकार ने विदर्भ का सिंचाई बैकलॉग दूर करने के लिए.

पूर्वी विदर्भ के भंडारा से बहने वाली वैनगंगा नदी के गोसीखुर्द प्रकल्प से 426.542 किमी लंबी नहर के माध्यम से पश्चिमी विदर्भ के बुलढाना में नलगंगा नदी को जोड़ने की योजना को मंजूरी दी है. सरकार ने इसी वर्ष 2024 में ही यह परियोजना शुरू करने की तैयारी की है. 4 जनवरी को परियोजना को पानी उपलब्ध करने के लिए शर्तों को शिथिल करने के प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल में मंजूरी दी गई है. जलमित्र व अभ्यासक प्रवीण महाजन के अनुसार यह प्रकल्प संपूर्ण विदर्भ में सिंचाई समस्या को दूर कर किसानों व अंचल को समृद्ध करने का कार्य करेगा.

1286 दलघमी पानी सिंचाई के लिए आरक्षित

इस प्रकल्प में सर्वाधिक 1286 दलघमी पानी सिंचाई के लिए आरक्षित रखा गया है. 32 दलघमी घरेलू उपयोग और 397 दलघमी पानी औद्योगिक उपयोग के लिए दिया जाएगा. मतलब 73 फीसदी पानी सिंचाई के लिए दिया जाएगा. गोसीखुर्द से निकलने वाले पानी का लाभ 6 जिलों नागपुर, वर्धा, अमरावती, अकोला, बुलढाना, यवतमाल के कुल 15 तहसीलों के किसानों को मिलेगा.

प्रकल्प के लिए कुल लगभग 28,041 हेक्टेयर जमीन संपादित किया जाएगा. प्रकल्प के तहत जो 31 नये स्टॉक टैंक बनेगा उसके लिए 18,768 हेक्टेयर निजी जमीन, 609 हेक्टेयर शासकीय जमीन और 241 हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ेगी. मुख्य नहर के लिए 6474 हेक्टेयर खेत जमीन, 572.80 हेक्टेयर पड़ित जमीन सहित कुछ निवासी जमीन आदि भी संपादित किया जाएगा. 109 गांव बाधित होंगे जिसका पुनर्वसन किया जाएगा.

  1. नलगंगा इरिगेशन प्रोजेक्ट
  2. नलगंगा नदी
  3. लोवर वर्धा प्रोजेक्ट
  4. काटेपूर्णा प्रोजेक्ट
  5. गोसीखुर्द नेशनल प्रोजेक्ट

सिंचाई के साथ ही बिजली निर्माण

  • दोनों नदियों को जोड़ने वाली नहर में 6 उपसा सिंचाई योजना भी प्रस्तावित है. जिसमें कुल 1.011.4 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी होगा.
  • 3,71,277 हेक्टेयर जमीन सिंचित क्षेत्र में आएगी. इस प्रकल्प की अनुमानित लागत फिलहाल 88,575 करोड़ रुपये बताई जा रही है.
  • केन्द्र सरकार द्वारा इस परियोजना में मदद मिलेगी जो 6 उपसा सिंचाई प्रकल्प होंगे उसमें पहले चरण में 30.25 मीटर की ऊंचाई होगी और 148.2 मेवा बिजली निर्मिति क्षमता होगी.
  • नहर में लगने वाले पाइप 2.15 व 3 मीटर व्यास के होंगे. दूसरे चरण में 23.50 मिटर ऊंचाई होगी और 152 मेवा बिजली बनेगी.
  • तीसरे चरण में 187.2, चौथे चरण के उपसा सिंचाई प्रोजेक्ट में 92 मेवा, पांचवे में 100 मेगावाट और छठे चरण में 43.2 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा.

 -राजशेखर गोपावार