
नागपुर. भाजपा शिवसेना युति सरकार के कार्यकाल में 2,429 करोड़ रुपये की लागत से 50 करोड़ पौधे लगाए गए थे, जिसकी छह महीने में जांच पूरी करने के लिए एक समिति का गठन किया गया था परंतु हैरानी की बात है कि 15 महीने बाद भी जांच अधूरी हैं. ऐसे में जांच के पूर्ण होने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. फडणवीस सरकार के दौरान 50 करोड़ पौधे लगाने की जांच जारी है. हर जिले के अधिकारी निजी नर्सरी से खरीदी गई तीन साल पुरानी पौधों की जानकारी जुटा रहे हैं. इस संबंध में अधिकांश जिलों में बैठक हो चुकी है.
यह सारी जानकारी नियुक्त विधानमंडल की तदर्थ समिति को उपलब्ध कराने के निर्देश आला अधिकारियों की तरफ से दिए गए हैं. फरवरी में कमेटी की बैठक होनी थी. इस संबंध में पूरी जानकारी भी जुटाई गई है. हालांकि कोरोना के प्रकोप के कारण समिति का दौरा रद्द कर दिया गया था. सूत्रों ने कहा कि समिति कब आएगी, इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता है. देवेंद्र फडणवीस जब मुख्यमंत्री थे, तब तत्कालीन वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने तीन साल में 50 करोड़ पौधे लगाने के अभियान की घोषणा की थी. कई सरकारी कार्यालयों ने आदेशों का पालन किया और जहां भी संभव हो सका पौधे लगाए. हालांकि कई पौधे बच गए और कई मर गए.
75 फीसदी पौधे लगाने का दावा
वन विभाग के अनुसार राज्य में 75 प्रतिशत पौधे सफलतापूर्वक लगाए जा चुके हैं. हकीकत में यह योजना 20 से 25 फीसदी ही सफल हो पा रही है. अधिकारियों का यह भी कहना हैं कि एक ही स्थान पर कई पौधे लगाए गए हैं. वर्ष 2019 में राज्य की सत्ता में आने के बाद आघाड़ी सरकार की तरफ से इसी विषय पर पहले शीतकालीन सत्र में सवाल उठाया गया था. साथ ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने पौधारोपण की जांच की मांग की थी.
कब होगी बैठक पता नहीं
नाना पटोले सहित 16 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया था. वन राज्य मंत्री दत्ता भराने ने विधानसभा में इसकी घोषणा की थी. पहले कदम के तौर पर सरकारी नर्सरी और निजी नर्सरी से कितने पौधे खरीदे गए, इसकी जानकारी जुटाई गई है. अब कमेटी दौरा करने वाली है. हालांकि अभी बैठक की तारीख का पता नहीं चल पाया है.