Nagpur Vidhan Bhavan

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नागपुर. विदर्भ के लंबित सिंचाई प्रकल्प, सड़कों का अनुशेष, इसी तरह से उद्योगों में पिछड़ापन आदि को लेकर विपक्ष की ओर से विधानसभा में 293 के तहत चर्चा का प्रस्ताव रखा गया. प्रस्ताव रखते हुए विपक्ष नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि जहां-जहां चुनाव होते हैं वहां भाजपा की ओर से पेट्रोल, डीजल और गैस के दाम कम किए जाते हैं. निकट भविष्य में चुनाव का ऐलान होगा तो यहां भी सिलेंडर के दाम कम होंगे. यदि अभी से कीमतें कम हुईं तो आम लोगों को इसका लाभ होगा लेकिन सरकार को इससे कोई लेना-देना नहीं है. वर्तमान में आम जनता महंगाई से काफी परेशान है. 400 रुपये का सिलेंडर महंगा होने का कारण देते हुए सिर पर लेकर नाचने वाले अब गायब हो गए हैं. कुछ समय पहले तक आम जनता 6-7 हजार रुपये में खुश रहती थी. अब 15 हजार रुपये में भी परिवार चलाना मुश्किल है. चुनाव आने के बाद वस्तुओं के दाम कम किए जाते हैं और चुनाव खत्म होते ही कीमतें बढ़नी शुरू हो जाती हैं.

नागपुर में केंद्र और राज्य सरकार का रिमोट

वडेट्टीवार ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार का रिमोट नागपुर में होने के बावजूद नागपुर को न्याय नहीं मिला. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में सर्वाधिक बिजली नागपुर में 70 प्रतिशत होती है जबकि विदर्भ में केवल 13 प्रतिशत का उपयोग होता है. चूंकि विदर्भ में उद्योगों की कमी है, इसलिए यहां बिजली की कम आवश्यकता है. उद्योग नहीं होने के कारण 6.3 प्रतिशत ही रोजगार है. 23 प्रतिशत खनिज, 40 प्रतिशत वन क्षेत्र होने के बाद भी यह स्थिति है. मिहान जैसा प्रकल्प होने के बावजूद इसे नजरअंदाज कर दिया गया. विदर्भ के 4483 उद्योग बंद हो गए जिसकी वजह से लाखों रोजगार डूब गए. 

एससी, एसटी का आरक्षण खत्म करने का षड्यंत्र

वडेट्टीवार ने कहा कि एक तरह से एससी, एसटी का आरक्षण रद्द करने का षड्यंत्र है. तमाम विभागों में परीक्षाएं लेकर नियुक्तियां करने के स्थान पर ठेका पद्धति पर गैर आरक्षण के लोगों को नौकरी पर रखा जा रहा है. मुंबई पुलिस की आस्थापना में 4 हजार कर्मचारी ठेका पद्धति पर लिए गए हैं. एक ओर आरक्षण की लड़ाई चल रही है तो दूसरी ओर नौकरियों पर आंच है. 1266 कनिष्ठ अभियंता के पदों को ठेका पद्धति से भरा गया है. 1.20 लाख युवाओं की एमपीएससी की परीक्षा ली गई लेकिन अबतक उनकी नियुक्तियां नहीं की गईं. 

विदर्भ राज्य होने तक विवाह नहीं…

विदर्भ राज्य पर सरकार की बदली भूमिका पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब तक विदर्भ राज्य नहीं होगा तब तक विवाह नहीं करने के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे थे. सभी दावे हवाई हो गए हैं. विदर्भ का 60 हजार करोड़ का बैकलाग है. वैधानिक विकास महामंडल पर न तो नियुक्तियां हो रही हैं और न ही निधि दी जा रही है. नल गंगा से जल गंगा योजना के माध्यम से विदर्भ की 3.77 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की व्यवस्था दी जानी थी किंतु योजना अब तक शुरू ही नहीं हुई. 88 हजार करोड़ की योजना कब शुरू होगी, इसका जवाब सरकार से देने की मांग की. 

ट्रांसफर का चल रहा रैकेट

अधिकारियों के ट्रांसफर का रैकेट चलने का आरोप लगाते हुए वडेट्टीवार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह भ्रष्टाचार की गर्त में फंस गया है. नागपुर के उपसंचालक हजारे का ट्रांसफर किया गया था. दूसरे दिन उसका ट्रांसफर रद्द कर दिया गया. दूसरे की नियुक्ति करते समय 65 लाख रुपये लिए गए. ट्रांसफर का उद्योग चलाने के लिए विशेष रूप से ओएसडी की नियुक्तियां हुई हैं. 1200 अधिकारियों के ट्रांसफर में 50 करोड़ का लेन-देन होने का आरोप भी लगाया. सरकार की विभिन्न योजनओं में अस्पतालों को किस तरह से शामिल किया जाए, इसके लिए निजी संचालकों को घेरा जा रहा है. यहां तक कि सूची में आने के लिए बोली लगाई जा रही है. सिविल सर्जन के रूप में कनिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति की गई है. इस तरह से 34 सिविल सर्जन के स्थान पर गलत ढंग से 12 अधिकारियों की नियुक्ति की गई है. संबंधित मंत्री से खाता निकालने की मांग भी उन्होंने की.