कोरोना काल में 35 बच्चों ने खोया अपने माता-पिता, 22 बच्चों के खुले बैंक खाते

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    नाशिक. कोरोना (Corona) के चलते पिछले देढ़ साल से 0 से 18 उम्र के 35 बच्चों के माता-पिता (Mother – Father) की मौत हो चुकी है। सरकारी योजना (Government Scheme) का लाभ इन बच्चों को मिले इसलिए जिला महिला और बालविकास विभाग (District Women and Child Development Department) द्वारा इन बच्चों का बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया कार्यान्वित की गई है। क्योंकि लाभार्थी बच्चों का बैंक में खाता होना आवश्यक है। इस पार्श्वभूमी पर 22 बच्चों का बैंक में खाता खोला गया। शेष बच्चों का बैंक खाता जल्द ही खोला जाएगा।

    पिछले दो सालों से कोरोना महामारी का हाहाकार शुरू है, जिसमें कई परिवार निराधार हुए। माता-पिता की मौत होने से अनेक बच्चों के भविष्य का सवाल खड़ा हुआ। 0 से 18 उम्र के बच्चों को आधार मिले इसलिए केंद्र और राज्य सरकार ने अनेक योजनाओं की घोषणा की है। इसके माध्यम से जिले के 35 बच्चों को बाल संगोपन योजना के तहत 5 लाख रुपए की मदद मिलने वाली है। इसके लिए राज्य सरकार से पौने दो करोड़ रुपए का निधी नाशिक के लिए मिलने वाला है। कोरोना आपदा के चलते अनाथ हुए बच्चों का जिला महिला और बालविकास अधिकारी बैंक खाता खोल रहे है। दस्तावेज मिलने वाले 22 बच्चों का बैंक खाता अब तक खुल चुका है। अन्य बच्चों के दस्तावेज मिलने के बाद उनका भी बैंक खाता खोला जाएगा।

    1600 बच्चे हुए कोरोना से अनाथ

    जिले के अनाथ बच्चों की जानकारी संकलन की प्रक्रिया आखरी चरण में है। जिले से 1600 से अधिक बच्चे अनाथ होने की बात सामने आ रही है। इसमें भी 35 बच्चों के माता-पिता दोनों की मौत हो चुकी है। इसलिए इन बच्चों के संगोपन की जिम्मेदारी केंद्र और राज्य सरकार ने ली है।