नाशिक जिले के 9 जलाशयों में 84 प्रतिशत जल भंडारण

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    नाशिक : जून महीने में बहुत कम और जुलाई महीने में बहुत ज्यादा वर्षा होने की वजह से नाशिक जिले के 09 जलाशय (Reservoir) पूरी तरह से भर गए हैं, जबकि शेष पांच जलाशय भी भरने की ओर से अग्रसर हैं। दारणा (Darna) और गंगापुर (Gangapur) जैसे बड़े और मध्यम जलाशय में समय पर भंडारण किए जाने की वजह से मूसलाधार वर्षा होने के बावजूद भी वे पूरी क्षमता से भरे नहीं हैं। जिले में वर्तमान में 84 प्रतिशत जल भंडारण (Water Storage) है। जिले से 47 टीएमसी पानी गोदावरी नदी से मराठवाड़ा की ओर प्रवाहित किया गया है।   

    बांध कुछ ही दिनों में अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच गए

    जून महीने में शुरू में हुई बारिश ने जुलाई में सारी परेशानी खड़ी कर दी। 10 से 15 दिनों तक इतनी बारिश हुई कि नदियों और नालों में पानी भर गया। कई तहसीलों में पानी भर गया। कुछ ही दिनों में अधिकांश बांध अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच गए। बाद में बारिश की तीव्रता कम हो गई। वर्तमान में, वह कभी-कभार दिखाई देता है। बारिश में अभी दो महीने बाकी हैं, इससे पहले भी जलस्तर काफी बढ़ चुका है। प्रशासन की जानकारी के अनुसार आलंदी, वाघाड, ओजरखेड़, तीसगांव, भावली, वालदेवी, भोजापुर, हरणबारी, केलजर नाम के नौ बांध ओवरफ्लो हो रहे हैं। गौतमी गोदावरी (84), काश्यपी (94 प्रतिशत), करंजवण (81), मुकणे (91) तथा गिरणा (90) बांध भरने की ओर अग्रसर हैं। कुछ बड़े और मझोले प्रोजेक्ट भारी बारिश के दौरान क्षमता के अनुसार भरे जा सकते थे। बांध में किस महीने में कितना पानी जमा होना चाहिए, इसका एक शेड्यूल होता है। जलाशय संचालन सूची के अनुसार संबंधित बांधों में पानी जमा करना अनिवार्य है। अचानक बारिश होने की स्थिति में बाढ़ के पानी को कुछ समय के लिए बांध में रखने की योजना है। 

    माणिकपुंज बांध अभी-भी सूखा

    नाशिक शहर को पानी की आपूर्ति करने वाले गंगापुर बांध (74 फीसदी), दारणा (74), पालखेड़ (54) की योजना इस तरह से बनाई गई है। करंजवण (81), पुणेगांव (75), काडवा (85), नांदूर मध्यमेश्वर (82), चणकापुर (62), पुनद (46), नागासाक्या (10) जलाशय हैं। माणिकपुंज एकमात्र ऐसा बांध है, जो अभी-भी सूखा है। जिले के 24 बड़े और छोटे बांधों की जल संग्रहण क्षमता 65 हजार, 664 मिलियन क्यूबिक फीट है। वर्तमान में बांधों में 84 प्रतिशत जल संग्रहण है। पिछले वर्ष भी यही अनुपात 51 फीसदी था। आज भी आलंदी, वाघाड़ी, ओजखेड़, दारणा, भावली, नांदूर मध्यमेश्वर, हरणबारी, केलजर, गिरणा बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है। इस सीजन में अब तक नांदूर मध्यमेश्वर से जायकवाड़ी तक 47 हजार, 205 मिलियन क्यूबिक फीट या 47 टीएमसी पानी बह चुका है।