प्याज पर 5 रुपए प्रति किलो का अनुदान, सरकार ने जल्दी निर्णय नहीं लिया तो होगा आंदोलन : सदाभाऊ खोत

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    लासलगांव : राज्य सरकार (State Government) प्याज को 5 रुपए प्रति किलो का अनुदान दे। अगर आगामी आठ दिनो में प्याज (Onion) के बारे में सरकार ने निर्णय नहीं लिया तो मंत्रालय (Ministry) में ही आंदोलन (Movement) करने की चेतावनी सदाभाऊ खोत ने दी है। खोत ने यहां आयोजित प्याज परिषद में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को प्याज उत्पादकों (Onion Growers) के लिए दीर्घकालीन नीति बनानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्याज के बारे में गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया तो आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। 

    प्याज उत्पादक मरेंगे नहीं बल्कि लड़ेंगे

    सदाभाऊ खोत ने इस दौरान यह भी कहा कि दादा भुसे केवल मालेगांव के ही कृषि मंत्री नहीं हैं, बल्कि वे पूरे महाराष्ट्र के मंत्री हैं, उन्हें मालेगांव छोड़ कर पूरे महाराष्ट्र राज्य का भ्रमण करना चाहिए ताकि उन्हें पता चले कि राज्य में किसानों की हालत क्या है। खोत ने आगे कहा कि राज्य सरकार किसानों के प्रति उदासीन है, क्योंकि सरकार ने प्याज हब स्थापित करने में कोई रुचि नहीं दिखा रहा है। खोत ने चेतावनी दी कि प्याज उत्पादक मरेगा नहीं, बल्कि लड़ेगा। 

    फडणवीस सरकार ने 200 रुपये की सब्सिडी दी थी

    प्याज परिषद में गोपीचंद पडलकर ने सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि अभी तक किसानों को कर्जमाफी नहीं मिली है, इतना ही नहीं प्याज को कम दाम मिल रहे हैं। खोत ने याद दिलाया कि सरकार ने प्याज, चावल की सब्सिडी को बंद कर दिया है। प्याज परिषद में विधान परिषद में विरोधी के नेता प्रवीण दरेकर ने इस बात पर अफसोस जताया कि 40 वर्ष बाद भी प्याज की समस्या जस की तस बनी हुई है। कृषि मंत्री के जिले में प्याज उत्पादक संकट में हैं। उन्होंने कहा कि छगन भुजबल राज्य के बड़े नेता हैं, उन्हें इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। दरेकर ने याद दिलाया कि फडणवीस सरकार ने 200 रुपये की सब्सिडी दी थी। प्याज परिषद में लासलगांव मार्केट कमेटी के अध्यक्ष सुवर्णा जगताप, सुहास पाटिल, केड़ा आहेर, दीपक भोसले आदि विशेष रूप से मौजूद थे। कार्यक्रम में दीपक पगार, शिवनाथ जाधव, बाल्मिकी सांगले, जीतू आदलेकर, शंकर वाघ, बाबासाहेब पोटे ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करायी।   

    लासलगांव जिले सबसे बड़ा प्याज उत्पादक केंद्र है

    58 महीने से हो रहा इंतजार, किसान संघ की ओर से आए सदाभाऊ खोत पहले विधायक बने बाद में उनकी ताजपोशी कृषि मंत्री के तौर पर हुई, लेकिन इसे बाद भी प्याज से जुड़ी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। लासलगांव जिले सबसे बड़ा प्याज उत्पादक केंद्र है। लासलगांव में प्याज हब स्थापित करने की घोषणा पूर्व कृषि और विपणन राज्य मंत्री सदाभाऊ खोत ने 17 अगस्त को लासलगांव बाजार के विंचूर उप-बाजार परिसर में प्याज की नीलामी के शुभारंभ के मौके पर की थी। 1982 के बाद दूसरी बार निफाड तालुका में प्याज सम्मेलन का आयोजन किया गया है। निफाड तालुका के रुई गांव में किसान नेता शरद जोशी के नेतृत्व में पहला प्याज सम्मेलन आयोजित किया गया, उसके बाद अब 39 साल बाद यह दूसरा प्याज सम्मेलन है हो रहा है। प्याज उत्पादक सरकार से यह पूछ रहे हैं कि प्याज उत्पादकों को अपनी समस्याओं से निजात पाने में अभी कितने वर्ष लगेंगे।