A state of chaos in the court of Ramkund, the kingdom of pits, dirt and floating garbage in the holy complex

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    नाशिक : पवित्र नगरी (Holy City) नाशिक (Nashik) के पंचवटी क्षेत्र (Panchavati Area) में बसा रामकुंड (Ramkund) भक्ति और श्रद्धा का अदभूत संगम है। यहां हर दिन हजारों की संख्या में लोग पूजा और भक्ति पूर्ण माहौल (Devotional Atmosphere) के दर्शन के लिए आते हैं। लेकिन रामकुंड परिसर के कुछ हिस्सों में फैली गंदगी, रामकुंड के पानी के मुहाने पर चढ़ाए गए फूल और सड़ते चावल, जगह-जगह जमा पानी में पनपते कीड़े और मच्छरों ने यहां की साफ सफाई पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

    रामकुंड के पानी में फूल और दूसरे तैरते सामान, पानी के अंदर सड़ता चावल, फल, पेड़े सहित अन्य सामान यहां आने वाले भक्तों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है। यहां आने वाले लोग पूजा से पहले इसी रामकुंड में उतरकर स्नान करते हैं। पानी का मटमैला रंग और पानी में तैरते तमाम पूजा के सामान से चर्म रोग और दूसरी स्वास्थ्य खतरा पैदा हो सकती है।

    जगह-जगह टूटे और खतरनाक गड्ढे

    तस्वीर में साफ रूप से दिख रहा है कि रामकुंड परिसर का यह गड्ढा किस हद तक खतरनाक है। यही पास में एक जगह गड्ढे में पानी जमा है जो काफी पुराना लग रहा है और इसमें काई जमी हुई है। इसमें कीड़े और मच्छर पल रहे हैं। इसी पानी को पूजा, स्नान और कई बार चनामृत बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रदूषित पानी के शरीर के अंदर जाने से क्या परेशानी हो सकती है, यह समझा जा सकता है।

    महानगरपालिका तय करे जिम्मेदारी

    महानगरपालिका की कचरा गाड़ी रामकुंड परिसर में जमा होने वाले कचरा को उठाती है लेकिन रामकुंड के अंदर की सफाई पर किसी का ध्यान नहीं है। पानी में जमे गाद, बहते कपड़े, किनारे की जगह पर डाले गए चावल, फूल यूं ही पड़े हैं। अगर महानगरपालिका के कर्मचारी अंदर की सफाई पर ध्यान दे तो ऐसी तस्वीर देखने को नहीं मिलेगी। इस खास धार्मिक पर्यटक स्थल से प्रशासन को काफी राजस्व मिलता है। इस परिसर में लगे हजारों दुकानों से हजारों का जीवन चलता है। लेकिन गंदगी का यही आलम रहा तो पर्यटक दूर हो सकते है।

    गंगा गोदावरी पुरोहित संघ नाराज

    इस मामले में गंगा गोदावरी पुरोहित संघ के अध्यक्ष सतीश शंकर शुक्ल ने कहा, इस संबंध में मैंने कई बार महानगरपालिका कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा है। रामकुंड की सफाई के लिए बार-बार विनती की, लेकिन उन्होंने अब तक इस तरफ ध्यान नहीं दिया है। इसे लेकर विभागीय आयुक्त से भी शिकायत की है। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्हें बाहर की सफाई तो नजर आती है, अंदर की सफाई पर ध्यान नहीं है।

    – सतीश शंकर शुक्ल, अध्यक्ष, गंगा गोदावरी पुरोहित संघ

    महानगरपालिका कमिश्नर से बात करूंगा

    इस संबंध में विभागीय आयुक्त राधाकृष्ण गमे ने कहा कि मैं इस संबंध में महानगरपालिका कमिश्नर से बात करूंगा। अगर वहां गंदगी है तो उसकी सफाई होगी। हाल ही में महानगरपालिका द्वारा गंदगी सफाई के लिए मशीन खरीदी गई है। मशीन बंद होगी इसलिए काम रुकी हुई है। मैं महानगरपालिका कमिश्नर से बात करके काम शुरु करने के लिए कहूंगा। इस मशीन से रामकुंड की तमाम गंदगी निकाली जा सकती है।

    – राधाकृष्ण गमे, विभागीय आयुक्त

    नाशिक के वैभव पर दाग

    इतने महत्वपूर्ण क्षेत्र में गंदगी देखकर यहां आने वाले लोग थोड़े निराश नजर आये। हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते है। इसमें बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक शामिल होते हैं। कोरोना काल में सफाई का खास ध्यान रखने की हिदायत बार-बार दी जा रही है। बावजूद इस तरफ महानगरपालिका का ध्यान नहीं देना चौंकाने वाला है।

    शहर की छवि को भी नुकसान

    नाशिक के रामकुंड में बड़ी संख्या में दूसरे शहरों और राज्यों से लोग पूजा पाठ के लिए आते हैं। यहां पर अपने  पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए भी पूजा कराई जाती है। ऐसे में दूसरे राज्यों के लोगों के सामने इस तरह की गंदगी और बदहाली दिखने पर शहर की छवि को ही नुकसान पहुंच रहा है।