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    नाशिक : महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) को रूलेट जुआ अधिनियम (Roulette Gambling Act) पर कड़ा और गंभीर रुख अपनाना चाहिए। इसके लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक (Director General of Police) के साथ गृह विभाग (Home Department) को प्रस्ताव भेजा गया है। हजारों करोड़ (Crores) रुपए के टर्नओवर के साथ यह खेल युवाओं को भारी नुकसान दे रहा है।  इस गंभीर मामले को देखते हुए सात राज्यों ने संबंधित कानूनों में बदलाव किया है। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि राज्य को इस संबंध में कानून में भी बदलाव करना चाहिए और उसके अनुसार कुछ सिफारिशें की जानी चाहिए।  इसलिए यह राज्य के लिए एक अहम कदम होगा।

    ऑनलाइन जुआ खेलने वाले और जुआरी को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्रवाई करनी होती है।  एमपीडीए अधिनियम में ऑनलाइन जुए के दुष्प्रभावों से बचाव के लिए एक प्रावधान की आवश्यकता है। वर्तमान मुंबई जुआ रोकथाम अधिनियम, 1887, इस 150 साल पुराने कानून में संशोधन करके अधिनियमित किया था, ऑनलाइन जुआ खेलने वालों के लिए तीन साल से अधिक की कैद और न्यूनतम 10 लाख रुपए का जुर्माना प्रदान करता है। ऐसी सिफारिशें पुलिस कमिश्नर दीपक पांडे ने की हैं। 

    इस बीच, जिले सहित ग्रामीण क्षेत्रों में कई युवाओं को ऑनलाइन जुए की लत लग गई है।  इसके कारण, त्र्यंबकेश्वर तहसील के एक व्यक्ती को भारी कर्ज भी लेना पड़ गया जिसे ना चुकाने के कारण उसने आत्महत्या करने का फैसला किया। घटना के बाद हड़कंप मच गया।  नतीजतन, ऑनलाइन जुए का मुद्दा गरमा गया।  गांव पुलिस ने मामले की जांच की और कैलास शाह और कुछ अन्य के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया। लेकिन, संदिग्धों के खिलाफ कोई गंभीर आरोप नहीं होने के कारण उन्हें छोड़ दिया गया था।  सिटी पुलिस ने छह माह में 16 अपराध दर्ज किए।  हालांकि कुछ ही घंटों में सभी आरोपियों को जमानत दे दी गई।  मौजूदा कानून ऑनलाइन जुए पर अंकुश लगाने में विफल हैं और इसमें संशोधन की आवश्यकता है। पुलिस कमिश्नर दीपक पांडेय ने राज्य के पुलिस महानिदेशक के माध्यम से गृह विभाग को 15 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है जिसमें सुधार की जरूरत है।