
नासिक: कचरा एकत्र करने में लापरवाही के संदर्भ में बड़े पैमाने हुई शिकायतों के अनुरूप घंटागाड़ी ठेकेदारों (Ghantagadi Contractors) से जुर्माना (Fine) वसूलना अपेक्षित था, लेकिन करोड़ों रुपए की जगह घंटागाड़ी ठेकेदारों से 4 माह में सिर्फ 16 लाख रुपए जुर्माना वसूल किया गया। इतना कम जुर्माना वसूलने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग अपनी पीठ थपथपा रहा है। पंचवटी और सातपुर (Panchavati and Satpur) संभाग में ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई आंख मूंदने जैसी ही मानी जा रही है।
दिसंबर 2022 से स्वास्थ्य विभाग ने कचरा संग्रहण का ठेका दिया है। छह मंडलों में कुल 397 घंटागाड़ियां संचालित की जा रही हैं। इन घंटागाड़ियों के माध्यम से 6 खंडों से कचरा एकत्र किया जाता है और पाथर्डी फाटा स्थित कचरा डिपो में जमा किया जाता है। आगे वहां कचरे को फर्टिलाइजर प्लांट में डंप किया जाता है और उससे खाद तैयार किया जाता है।
नासिक की एक महत्वाकांक्षी परियोजना
घंटागाड़ी नासिक की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। इस परियोजना को सबसे पहले नासिक में लागू करने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया गया। हालांकि, घंटागाड़ी परियोजना हर वर्ष नासिक में गलत कार्यान्वयन के कारण विवादों में भी आती रही है। इस बार घंटागाड़ी के ठेके की कीमत 354 करोड़ रुपए तक पहुंचते ही स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर संदेह जताया गया।
चार माह में वसूला गया इतना जुर्माना
इसके बाद घंटागाड़ी का ठेका तय हुआ। ठेका देते समय शर्तों के अनुसार काम दिया गया था। इसमें घंटागाड़ी का समय, निर्धारित मार्ग पर घंटागाड़ी का पहुंचना, गीले और सूखे कचरे का वर्गीकरण करने जैसी महत्वपूर्ण शर्तें थी, लेकिन शर्तों का व्यापक रूप से उल्लंघन किया गया। पिछले चार माह में ठेकेदारों की ओर से नियमों व शर्तों का उल्लंघन किया गया। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की ओर से ठेकेदारों का समर्थन किया गया था। बताया तो यह जा रहा था कि घंटागाड़ी ठेकेदारों से करोड़ों रुपए का जुर्माना वसूला गया है, लेकिन ठेकेदारों से बहुत कम जुर्माना वसूला गया। ठोस कचरा प्रबंधन विभाग ने पिछले 4 माह में संबंधित ठेकेदारों से 15 लाख, 94 हजार 799 रुपए जुर्माना वसूल किया है।
विभागवार वसूली गई जुर्माना राशि
विभाग | जुर्माना राशि |
पंचवटी | 3,23,400 |
सातपुर | 4,35,650 |
सिडको | 4,12,049 |
नासिक पश्चिम | 3,22,950 |
नासिक पूर्व | 47,000 |
नासिक रोड | 53,750 |