साईं बाबा के दरबार में होगा आमरण अनशन, ठेका कर्मचारियों ने दी चेतावनी

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  • आंदोलन के मूड में साईं संस्थान के ठेका कर्मचारी आर्थिक तंगी से परेशान 
  • पत्नी-बच्चों के साथ आमरण अनशन या भीख मांगो आंदोलन का किया ऐलान 

शिर्डी: नासिक (Nashik) में शिर्डी (Shirdi) के साईं संस्थान (Shri Saibaba Sansthan) के ठेका कर्मचारियों (Contract Workers) ने फिर से आंदोलन करने की तैयारी कर ली है। 598 ठेका कर्मचारियों की अदालत में सुनवाई को प्राथमिकता न देकर संस्थान प्रशासन अन्य विभाग के विषय को प्राथमिकता दे रहा है। जिससे कर्मचारियों में नाराजगी है। इसके अलावा, 40 प्रतिशत वेतन वृद्धि का विषय भी लंबित होने से अल्प वेतन में घर चलाना मुश्किल होने से कर्मचारियों ने इन मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए पत्नी-बच्चों के साथ आमरण अनशन (Fast Unto Death) या भीख मांगो आंदोलन करने का मन बना लिया है। 

प्रशासन मांगों को कर रहा दरकिनार 
साईं बाबा संस्थान असंगठित कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने इस संदर्भ में साईं संस्थान और संबंधित एजेंसियों को एक ज्ञापन दिया है। इसमें कहा गया है कि संस्थान की तदर्थ समिति ने 598 ठेका कर्मचारियों को 2004 के अधिनियम के अनुसार संस्थान सेवा में नियमित करने का प्रस्ताव किया था। साथ ही, राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल के प्रयासों से 9 जून को 598 कर्मचारियों को 40 प्रतिशत वेतन वृद्धि का शासन निर्णय हुआ। इस निर्णय को संस्थान की तदर्थ समिति ने भी मान्यता दी है। 598 ठेका कर्मचारियों के संबंध में उच्च न्यायालय में सीए (सिविल आवेदन) दायर किया गया है। 

आदेश के बावजूद नहीं हो रही वेतन वृद्धि 
संस्थान के प्रत्येक महत्वपूर्ण और बड़े आर्थिक निर्णयों के लिए उच्च न्यायालय की अनुमति की आवश्यकता होती है। इसके लिए सीए दायर करना पड़ता है। पिछले साढ़े तीन वर्षों से 598 ठेका कर्मचारियों की 40 प्रतिशत वेतन वृद्धि रोक दी गई है, जिससे इन कर्मचारियों को 10-11 हजार में परिवार चलाना पड़ रहा है। बच्चों की शिक्षा घर का किराया, अस्पताल का खर्च, बढ़ती महंगाई, अल्प वेतन से कर्मचारियों का मानसिक संतुलन बिगड़ने लगा है। कुछ कर्मचारियों की तो बीमारियों की वजह से मौत हो गयी है। कई लोग नियमित होने की उम्मीद पर वयोवृद्ध होकर सेवानिवृत्त हो गए हैं। कुल मिलाकर कर्मचारियों की हालत खराब हो गई है। वेतन वृद्धि का शासन आदेश होने के बावजूद भी इसकी क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। 

पत्नी-बच्चों के साथ आंदोलन करने की चेतावनी
संस्थान प्रशासन न्यायालय में कर्मचारियों के प्रश्न को प्राथमिकता न देकर अन्य विभागों के सीए को पहले रख रहा है, जिससे प्रशासन की ओर से कर्मचारियों का प्रश्न लटकाया जा रहा है, ऐसी भावना कर्मचारियों में बन रही है। इस पृष्ठभूमि पर अपने प्रश्नों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए इन कर्मचारियों ने पत्नी-बच्चों के साथ आंदोलन करने की चेतावनी दी है। इन कर्मचारियों ने इससे पहले अप्रैल में सामूहिक मुंडन आंदोलन भी किया था।