नाशिक. जिले में पिछले चार दिनों से जारी बारिश ने लगभग 34,000 हेक्टेयर खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचाया है, जिसमें मालेगांव और नांदगांव तहसीलों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नुकसान के आंकड़े पंचनामा (Panchnama) पूरा होने के बाद ही सामने आएंगे। सितंबर माह में नासिक जिले में अच्छी बारिश हुई। जिले में 27 से 29 सितंबर तक हुई भारी बारिश के कारण खरीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ। इस बारिश से किसान परेशान हो गए हैं।
जिला भी 29 सितंबर को गुलाबी तूफान की चपेट में आया था, जिससे जिले के किसान दहशत में हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित जिले नांदगांव, मालेगांव, निफाड और दिंडोरी हैं। कृषि विभाग के मुताबिक जिले में करीब 34 हजार हेक्टेयर खरीफ फसल को नुकसान पहुंचा है। जिसमें से 23 हजार हेक्टेयर प्याज, 18 हजार 965 हेक्टेयर मक्का, 1381 हेक्टेयर सोयाबीन, 648 हेक्टेअर बाजरा, 6450 हेक्टेअर कपास, लगभग बीस हजार 252 हेक्टेयर में सबसे ज्यादा नुकसान मालेगांव में कपास का हुआ है। यह अनुमान है कि मालेगांव तहसील में 4 हजार 566 हेक्टेयर की फसलों का नुकसान हुआ है। कृषि विभाग ने यह प्रारंभिक अनुमान जिला प्रशासन को सौंप दिया है और जिले में पंचनामा कराने का आदेश जारी कर दिया गया है। पंचनामा कृषि अधिकारी कर रहे हैं। पंचनामे पूरे होने के बाद ही पूरी जानकारी सामने आएगी, लेकिन इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
बरसात से हुए नुकसान का पंचनामा करें, पालकमंत्री भुजबल ने दिए आदेश
उधर, जिले के पालकमंत्री छगन भुजबल ने कहा, पिछले कुछ दिनों से नाशिक जिले के कुछ क्षेत्र में अतिवृष्टी हुई। भारी बरसात से हुए नुकसान के तुरंत पंचनामा करने के आदेश प्रशासन को दिए है। नागरिक प्रशासन को सहयोग करें। वे गोदावरी नदी को आई बाढ़ का दौरा करने के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इस समय महानगरपालिका कमिश्नर कैलास जाधव, पुलिस उपायुक्त अमोल तांबे, जलसिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता सागर शिंदे सहित विविध विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
अतिवृष्टी से जनजीवन प्रभावित हुआ
भुजबल ने आगे कहा, पिछले कुछ सालों से अतिवृष्टी के चलते गोदावरी नदी को बाढ़ आ रही है। इस पार्श्वभूमी पर महानगरपालिका, जिला प्रशासन, जिला पुलिस प्रशासन, जलसिंचाई विभाग अपने आदर्श कृति प्रस्ताव के तहत कामकाज करते है। पिछले कुछ सालों से हो रही अतिवृष्टी से गोदावरी नदी को बाढ़ आई। कुछ परिसर में दुकान और मकानों में पानी गया। कुछ जगह पर 4-5 पशुओं की मौत हुई। लासलगांव, येवला, नांदगाव, मालेगाव परिसर में हुई अतिवृष्टी से जनजीवन प्रभावित हुआ। लासलगांव स्थित अस्पताल में पानी जाने से डॉक्टर्स, मरिज और परिचारिका फंस गई थी। जहां पर नुकसान हुआ है वहां पर पंचनामा करने के आदेश दिए गए है।