सटाणा : तहसील के जायखेडा जिला परिषद (District Council) गट के पूर्व सदस्य यतीन पगार (Yatin Pagar) ने ठाकुर समाज के बारे में किए गए आपत्तिजनक (Objectionable) बयान और ठाकुर समाज की महिला लोक प्रतिनिधियों को अपशब्द कहे जाने के मामले में ऑडियो क्लिप वायरल (Audio Clip Viral) होने के बाद महेश चव्हाण ने यतीन पगार के विरोध में दाखिल किए गए ॲट्रॉसिटी के तहत अपराध के मामले में मालेगांव (Malegaon) के जिला सत्र न्यायालय ने यतीन पगार को गिरफ्तारी पूर्व जमानत दे दी है।
कुछ दिन पहले जिला परिषद के पूर्व सदस्य यतीन पगार का 55 मिनट का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। ऑडियो क्लिप में पगार को ठाकुर समुदाय के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए पूर्व विधायक और राज्य महिला आयोग की सदस्य दीपिका चव्हाण और दिवंगत पूर्व मेयर सुलोचना चव्हाण का अपमान करते हुए दिखाया गया था, इसके बाद महेश चव्हाण (नामपुर निवासी एच.एम. नाशिक) ने यतीन पगार के खिलाफ सटाणा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। सटाणा पुलिस ने यतीन पगार के खिलाफ अत्याचार का मामला दर्ज किया था।
पुलिस ने राजनीतिक दबाव में मामला दर्ज किया : सुधीर अक्कड़
यतीन पगार ने मालेगांव में जिला सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया। यतीन पगार के वकील सुधीर अक्कड़ ने तर्क दिया कि पुलिस ने राजनीतिक दबाव में मामला दर्ज किया है। आप किसी व्यक्ति की कॉल को रिकॉर्ड नहीं कर सकते हैं और उसे दुनिया को बता सकते हैं। कॉल रिकॉर्डिंग मूल रूप से एक अपराध है और उसके आधार पर अत्याचार का अपराध कैसे दर्ज किया जा सकता है? यतीन पगार के वकील के स्पष्टीकरण के बाद न्यायाधीश अनिरुद्ध गांधी ने यतीन पगार को जमानत दे दी, क्योंकि कॉल रिकॉर्डिंग अत्याचार का मामला दर्ज करने के लिए सबूत स्वीकार्य नहीं माना जाता है।