Lasalgaon

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    लासलगांव: पिछले पांच महीने से प्याज उत्पादक किसान बाजार भाव में आई गिरावट से बड़े आर्थिक संकट में हैं, वहीं दूसरी ओर उमस भरे मौसम के कारण प्याज खराब हो रहा है। प्याज को कहां रखा जाए इसे लेकर किसान असमंजस की स्थिति में हैं। दरअसल प्याज उत्पादन की लागत 20 से 25 रुपए प्रति किलो पड़ रही है, लेकिन प्याज (Onions) को बाजार भाव सिर्फ 10 से 12 रुपए ही मिल रहा है, ऐसे में प्याज उत्पादक किसानों (Farmers) के समक्ष आर्थिक संकट (Financial Crisis) गहराया गया है।  

    गन्ने के बाद प्रदेश में प्याज सबसे बड़ी नकदी फसल है, फिर भी प्याज उत्पादक किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। किसानों का कहना है कि प्याज को बाजार में जो भाव मिल रहा है, हमारा उत्पादन खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। नुकसान झेलने के बाद अब किसानों ने प्याज बेचना शुरू कर दिया है। 

    नाफेड ने प्याज खरीदी की बंद

    प्याज को कम भाव मिलने का सिलसिला पिछले पांच महीने से जारी है।। नाफेड ने यह कहते हुए प्याज की खरीदी बंद कर दी कि प्याज खरीदने के लिए उसने जो लक्ष्य बनाया था, वह पूरा हो रहा है, इसलिए नाफेड ने प्याज की खरीदी बंद कर दी है। 

    गर्मी के मौसम में प्याज अच्छी कीमत मिलने की आस में रखा गया था, लेकिन जमा हुआ प्याज बारिश के कारण खराब हो रहा है, ऐसे में किसानों को प्याज कम दाम पर बेचना पड़ रहा है।

    - रामा भोसले, किसान, लासलगांव