गणेश विसर्जन की सहूलियत के लिए ईद-ए-मिलाद जुलूस पोस्टपोन, गंगा-जमुनी भाईचारे की मिसाल

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मनमाड: इस वर्ष गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan) और मोहम्मद पैगंबर की जयंती यानी ईद-ए-मिलाद (Eid-e-Milad) एक ही दिन आ रहे हैं, इसलिए मनमाड (MAnmad) के मुस्लिम समुदाय ने ईद-ए- मिलाद के अवसर पर निकलने वाले जुलूस (Eid-e-Milad Procession) को दो दिन बाद शनिवार को निकाले जाने का निर्णय लिया है। पुलिस थाने में आयोजित की गयी बैठक में यह फैसला मुस्लिम बंधुओं की सहमति से लिया गया।  
 
मुस्लिम समुदाय द्वारा लिए गए इस निर्णय का शहर के गणेश मंडल और हिंदू भाइयों ने स्वागत किया है। हिंदू भाई और गणेश मंडल के पदाधिकारियों ने कहा, मुस्लिम भाइयों ने ईद-ए-मिलाद का जुलूस दो दिन बाद निकालने निर्णय लेकर सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता की मिसाल कायम की है।
 
 
हिंदू संस्कृति में गणेश उत्सव और इस्लाम में पैगंबर मुहम्मद की जयंती का महत्वपूर्ण स्थान है। गणेशोत्सव दस दिनों तक धूमधाम से मनाया जाता है और विसर्जन के दिन बड़ी संख्या में गणेश भक्त घर से निकल कर बप्पा की मूर्ति के विसर्जन समारोह में हिस्सा लेते हैं। वहीं दूसरी ओर मोहम्मद पैगंबर की जयंती के उपलक्ष मे मुस्लिम भाई जुलूस निकालते हैं। 
 
इस वर्ष, गणेश विसर्जन और ईद-ए-मिलाद एक ही दिन गुरुवार को आए हैं। विसर्जन के हुजूम और ईद-ए-मिलाद जुलूस के लिए एक ही मार्ग है, इसलिए विघ्नहर्ता के रास्ते में बाधा से बचने के लिए शहर के मुस्लिम भाईयो ने हिंदू भाई-बहनों की भावनाओं का सम्मान करता हुए जुलूस गुरुवार कि बजाय दो दिन बाद शनिवार को निकालने का  निर्णय लिया है। 
 
शहर की जामा मस्जिद के मौलाना असलम रिज़वी समेत अन्य मौलानाओं और धार्मिक गुरुओं के साथ थाने में हुई बैठक में सभी ने सहमति से यह निर्णय लिया। इस अवसर पर पूर्व नगरसेवक सादिक पठाण, बब्बू कुरैशी, अमजद पठान, अमीन पटेल के आलावा मुस्लिम विचार मंच के फिरोज शेख समेत शहर की सभी मस्जिदों के मौलाना, ट्रस्टी और मुस्लिम भाई मौजूद उपस्थित थे। मुस्लिम समाज द्वारा लिये गये निर्णय का गणेश मंडल, गणेश भक्तों एवं हिन्दू समाज ने स्वागत किया है।