किसानों की दिवाली होगी मीठी, अनार को मिल रहे ऊंचे दाम

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  • थोक भाव 165 रुपये किलो

नाशिक/मालेगांव: अनार (Pomegranate) का घर कहे जाने वाले कसमादे इलाके में अनार की पैदावार बढ़ने लगी है। देश में बाढ़ की स्थिति पूरी तरह से साफ हो गई है और कर्नाटक से अनार की आवक धीमी होने के कारण कसमादे के अनार बाजार में भाव खा रहे हैं। दो माह की तुलना में अनार के दामों में प्रति किलो 50 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। उच्च गुणवत्ता वाले अनार थोक भाव (Wholesale Price) में 140 से 165 रुपये प्रति किलो (Rs 165 Per KG) बिक रहे हैं। 

आने वाले त्योहार दिवाली और छठ पूजा को देखते हुए कसमादे में मृग बहार के अनार की मांग है। जिनके पास अच्छी क्वालिटी का माल है। ऐसे किसानों के अनार उनकी दिवाली और भी मीठी कर देंगे। जुलाई-अगस्त में अनार के दाम गिर गए थे. देश में बाढ़ की स्थिति के कारण अनार को बड़े बाज़ारों तक पहुंचाने में कठिनाइयां आ रही थीं। इस बीच कर्नाटक से अनार बड़ी संख्या में बाजार में आ रहे थे। 

इस पृष्ठभूमि में कसमादे के उच्च गुणवत्ता वाले अनार 110 रुपये गिरकर 125 रुपये पर आ गए। सामान्य क्वालिटी का अनार 70 से 100 रुपये प्रति किलो बिका। कर्नाटक से अनार की आवक कम हो गई है। मौजूदा समय में अनार 150 रुपये प्रति किलो के भाव तक पहुंच गया है। इसमें उच्च गुणवत्ता वाला अनार 165 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। 

कसमादे मृग बहार के अनार की हर जगह मांग है। उत्तर भारत में आगामी दिवाली और छठ पूजा त्योहार को देखते हुए थोक विक्रेताओं में हलचल मच गई है। एक सप्ताह के अंदर अनार की कटाई में तेजी आ जाएगी। इस क्षेत्र से अनार घरेलू बाजार के साथ-साथ बांग्लादेश को भी निर्यात किया जाएगा। अधिकांश किसानों के पास मृग बहार के अनार थे। बदलते मौसम के कारण तेला रोग फैलने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। तैलीय दाग वाले अनार काफी कम दाम पर बिक रहे हैं. स्थानीय बाजार में सामान्य और मध्यम गुणवत्ता के अनार 100 से 120 रुपये प्रति किलो मिलते हैं.

जलगांव के अनार उत्पादक, घनश्याम अहिरे ने बताया, अनार के बगीचे में बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए प्रत्येक पेड़ को जाल से ढक दिया गया है। साथ ही, प्रत्येक फल को कागज़ से ढक दिया गया है। समय पर छिड़काव करके बगीचे को बनाए रखा गया है। एक सप्ताह के भीतर कटाई शुरू हो जाएगी। यदि फसल कवर के लिए सब्सिडी योजना पूरे राज्य में लागू की जाए, तो बीमारी पर काबू पा लिया जाएगा। बैठे-बैठे अनार की आय बढ़ सकती है।