137 hospitals without fire audit in Nashik city
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    नाशिक : अहमदनगर (Ahmednagar) स्थित जिला अस्पताल (District Hospital) के अतिदक्षता विभाग में लगी आग में 11 व्यक्तियों की झुलसकर मौत होने के बाद नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) का दमकल विभाग नींद से जागा है। इसके बाद शहर के 176 अस्पतालों का फायर ऑडिट न होने की बात सामने आई। संबंधित अस्पातालों को तुरंत फायर ऑडिट करने की सूचना दमकल विभाग ने दी है। हर बार दुर्घटना होने के बाद भी दमकल विभाग द्वारा कार्रवाई किए जाने से दमकल विभाग की कार्यप्रणाली पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है।

    अप्रैल माह में महानगरपालिका के कठडा स्थित डॉ. झाकिर हुसेन अस्पताल की टंकी में ऑक्सीजन भरते समय दुर्घटना हुई थी, जिसमें 24 नागरिकों की मौत हुई। इसके बाद देशभर में इस विषय पर चर्चा हुई। अब अहमदनगर स्थित जिला असताल के अतिदक्षता कक्ष में आग लगने से 11 नागरिकों की झुलसकर मौत होने से एक बार फिर सुरक्षा को लेकर चर्चा शुरू हुई। इसके पहले कोलकता और अहमदाबाद में हुई आगजनी की घटना के बाद अस्पताल, इमारत का ऑडिट करने की सूचना दी थी। इसके बाद अनुक्रमे नाशिक और अहमदनगर में आगजनी की दुर्घटना होने के बाद एक बार फिर ऑडिट करने के लिए महानगरपालिका के दमकल विभाग ने शुरू की। लेकिन दुर्घटना के बाद दमकल विभाग कामकाज करने से इस विभाग के कामकाज पर ही संदेह व्यक्त किया जा रहा है।

    दुर्घटना की संभावना अधिक

    शहर में कुल 585 अस्पताल है। इसमें से 469 अस्पताल का फायर ऑडिट हुआ है। अभी तक 176 अस्पतालों का फायर ऑडिट नहीं हुआ है। इसलिए एक बार फिर दमकल विभाग के कामकाज को लेकर सवाल खड़े हो गए है। नियम के तहत हर साल इमारत मालिकों को फायर ऑडिट करना बंधनकारक है। महानगरपालिका के दमकल विभाग ने भी ध्यान देकर फायर ऑडिट करवाना चाहिए। लेकिन इमारत मालिक और दमकल विभाग द्वारा नियमों का उल्लंघन होने से दुर्घटना की संभावना बढ़ गई है।