From the District Magistrate to the Divisional Officer under suspicion, now there will be a detailed investigation

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    नाशिक. नाशिक विभाग (Nashik Department) के राजस्व और दंडाधिकारी कामकाज (Revenue and Magisterial Functions) की विस्तृत जांच (Detailed Investigation) करने के आदेश विभागीय आयुक्त राधाकृष्ण गमे ने जारी किए। इसके बाद जिलाधिकारी से लेकर मंडल अधिकारी संदेह के घेरे में पहुंच गए है। साथ ही संबंधित कार्यालयों में हड़कंप मच गया है।

    राजस्व विभाग का कामकाज पारदर्शक और गतिमान करने का निर्णय लिया गया है। इसके चलते जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, प्रांत अधिकारी, तहसीलदार सहित मंडल अधिकारी द्वारा पारित किए गए जमीन विषयक कानून अंतर्गत का न्याय निर्णय और दंडाधिकारी कामकाज की जांच अब होने वाली है। जिला, तहसील और गांव स्तर पर सरकार का महत्वपूर्ण विभाग होने वाले राजस्व विभाग के पास जमीन विषयक प्रकरण न्याय करने, कानून और सुव्यवस्था आबाधित रखने के लिए प्रतिबंधात्मक उपाय योजना करने आदि कई महत्वपूर्ण काम दिया गया है।

    जांच करने की कार्रवाई अब शुरू हो गई है

    इस कामकाज की जांच करने की कार्रवाई अब शुरू हो गई है। इसके माध्यम से जमीन विषयक, कानून और सुव्यवस्था आबाधित रखने के जिए प्रतिबंधात्मक उपाय योजना करते समय राजस्व अधिकारियों के पारित किए गए आदेश गुणात्मक और कानून के तहत है क्या? जिसकी जांच होगी। इसमें प्रकरण दाखिल होने के बाद सही तरह से सुनवाई लेकर आदेश पारित करने तक सभी चरण में कानून के तहत कार्यवाही हुई है या नहीं? इसकी जांच होगी। जमीन विषयक प्रकरण, कानून और सुव्यवस्था यह दोनों विषय सरकार के कामकाज की छबी होने से इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

    पथक का चयन

    विभागीय आयुक्त द्वारा दिए गए आदेश को कार्यान्वित करने के लिए नाशिक विभागीय आयुक्त स्तर पर प्रत्येक जिले के लिए उपायुक्त दर्जे के अधिकारी नियुक्त किए गए है। जिल्हा स्तर पर उनकी मदद के लिए दो से तीन उपजिलाधिकारी दर्जे के अधिकारी कामकाज करेंगे। सामान्य व्यक्ति,  वादी और प्रतिवादी द्वारा दाखिल किए गए सभी दस्तावेज, सबूत और प्रकरण को लेकर हुई सुनवाई का प्रतिबिंब न्याय निर्णय में दिखने के लिए जांच पथक का चयन किया गया है।

    5 जिलों में काम हुआ शुरू

    नाशिक विभाग के सभी 5 जिलों में जांच पथक ने कामकाज शुरू किया है। जल्द ही अच्छे परिणाम सामने आने का विश्वासन विभागीय आयुक्त राधाकृष्ण गमे ने व्यक्त किया।