Godavari River

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    नाशिक : नाशिक शहर (Nashik City) की पवित्र गोदावरी नदी (Holy Godavari River ) का पानी दिनों – दिन खराब होता जा रहा है। अभी तक गोदावरी की गंदगी को लेकर ही चर्चा होती थी, लेकिन अब यह कहा जाने के लगा है कि गोदावरी नदी का पानी कम होता जा रहा है। नाशिक में इस बार मार्च (March) माह में ही गर्मी ने दस्तक दे दी है और कहा जा रहा है कि गर्मी के कारण ही गोदावरी नदी सूख रही है। गोदावरी नदी में बना रामकुंड वहां अस्थि विसर्जन (Bone Immersion ) किया जाता है, वहां पानी बहुत कम होने की वजह से अस्थि विसर्जन करना भी मुश्किल होता है रहा है।

    धार्मिक संस्कारों के लिए नाशिक आए अतिथि प्रशांत देशमुख का कहना है कि पंचवटी एक पवित्र स्थान है, यहां मैं अपने दिवंगत पिता की अस्थियों को प्रवाहित करने के लिए आया हूं, लेकिन गोदावरी नदी में पानी नहीं होने की वजह से अस्थियां विसर्जित करना भी मुश्किल हो रहा है। अंतिम संस्कार की रस्म अदायगी के लिए नाशिक आई सारिका बेग का कहना है कि गोदावरी नदी सूख गई है, इसलिए इस नदी में अंतिम संस्कार  की विधि करना संभव नहीं हो पा रहा है। मार्च माह में  गोदावरी नदी सूखने लगी है तो अप्रैल-मई माह में क्या होगा। गोदावरी नदी का पूरा परिसर गंदगी से व्याप्त है। जो मान-सम्मान उत्तर प्रदेश में बहने वाली गंगा नदी को प्राप्त है, वही मान- सम्मान महाराष्ट्र के नाशिक में बहने वाली गोदावरी नदी को प्राप्त है। 

    जल का दूसरा सबसे बड़ा श्रोत

    गोदावरी नदी महाराष्ट्र के अलावा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों के लिए जल का प्रमुख केंद्र है। हर वर्ष गर्मी के मौसम में गोदावरी नदी सूख जाती है, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
    नाशिक की पवित्र गोदावरी नदी में पानी बहुत कम होने के कारण दूर-दूर से यहां अंतिम संस्कार से जुड़ी रस्मे करने के लिए आने वाले लोगों में तीव्र आक्रोश व्याप्त है। नासिक में हर बारह साल बाद सिंहस्थ कुंभ मेला लगता है। रामकुंड में अस्थि विसर्जन के लिए पानी न होने यहां आकर उक्त रसम कराने वाले लोगों में भयंकर आक्रोश व्याप्त है।  यहां आने अस्थि विसर्जन विधि के आने वाले लोगों के लिए यहां किसी भी तरह की व्यवस्था नहीं की गई है।  

    रामकुंड में जल बहुत कम है, इसकी जानकारी प्रशासन को दे दी गई है, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है ।

    - सतीश शुक्ला, पुरोहित संघ नाशिक

    निगम की उपेक्षा

    नाशिक से पवित्र गोदावरी नदी बह रही है। इस नदी के महत्व को ध्यान में रखते हुए गोदावरी के पानी को साफ करने के प्रति विशेष सर्तकर्ता दिखानी जरूरी है।  

    गोदावरी नदी का प्रदूषण दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। हाईकोर्ट ने इस मुद्दे के समाधान के लिए एक योजना कार्यान्वित करने के आदेश दिए हैं, इसकी ओर जिला प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है।

    - देवांग जानी, पर्यावरणविद्, (नाशिक)