प्रशासक राज शुरू होते ही आक्रामक हुआ नाशिक महानगरपालिका प्रशासन, 579 मकान मालिकों को जब्ती की नोटिस जारी

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    नाशिक:  नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) में प्रशासक राज (Administrator Rule) शुरू होते ही नाशिक महानगरपालिका प्रशासन आक्रामक हो गया है। संपत्ति (Property Tax) और जल टैक्स (Water Tax) बकाए की वसूली को लेकर संबंधित विभाग ने 579 मकान मालिकों को संपत्ति जब्त करने का नोटिस (Notice) जारी किया है। वहीं 127 नल कनेक्शन कट (Tap Connection Cut) कर दिए हैं। 

    गौरतलब है कि नाशिक महानगरपालिका की आय का मुख्य स्रोत संपत्ति और जल कर है, जिसे अदा करने के लिए नागरिक तैयार नहीं हैं। महानगरपालिका के संबंधित विभाग ने यह रकम अदा करने के लिए नागरिकों को समय-समय पर छूट भी दी, फिर भी नागरिक इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसलिए संपत्ति और जल टैक्स बकाएदारों पर कार्रवाई करने के निर्देश नाशिक महानगरपालिका कमिश्नर कैलास जाधव ने दिए हैं। अब 100 प्रतिशत टैक्स वसूली के लिए संबंधित विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है। बड़े बकाएदारों की सूची तैयार कर उन्हें संपत्ति जब्ती की नोटिस जारी करते हुए कार्रवाई की जा रही है। 

    टैक्स न भरने से महानगरपालिका की माली हालत खराब

    नागरिकों के बकाया टैक्स अदा न करने से महानगरपालिका की माली हालत खराब हो गई है। विशेष यह है कि आगामी महानगरपालिका चुनाव की दृष्टि से सत्ताधारी और विपक्ष ने टैक्स वसूली के लिए कोई भी काम नहीं किया। विद्यमान महापौर और उपमहापौर का कार्यकाल समाप्त होने के बाद 14 मार्च से नाशिक महानगरपालिका में प्रशासक राज शुरू हो गया है। महानगरपालिका कमिश्नर कैलास जाधव प्रशासक बनते ही सबसे पहले महानगरपालिका की आर्थिक स्थिति सुधारने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। 

    150 करोड़ संपत्ति टैक्स वसूली का लक्ष्य 

    जल टैक्स के रूप में 122.83 करोड़ तो संपत्ति टैक्स के रूप में 365.40 करोड़, ऐसे कुल 488.23 करोड़ रुपए बकाया है। मनपा ने 2021-22 वित्तीय वर्ष में संपत्ति टैक्स वसूली का लक्ष्य 150 करोड़ रुपए रखा था। अब तक 107 करोड़ रुपए वसूल की गई है, जिसमें पिछले साल की बकाया रकम 400 करोड़ तक पहुंच गई है। महानगरपालिका सीमा क्षेत्र में 4 लाख 55 हजार टैक्स धारक हैं, जिसमें 500 चौरस फुट तक मध्यवर्गीय है। महानगरपालिका की चुंगी रद्द होने के बाद संपत्ति और जल टैक्स आय का प्रमुख साधन बन गया है।

    लेखापरीक्षकों ने भी उठाए सवाल

    नाशिक महानगरपालिका का टैक्स अदा न करने वाले 850 बड़े बकाएदार हैं। उनके पास कुल 40 करोड़ रुपए बकाया है। यह रकम वसूल करने के लिए महानगरपालिका ने हर संभव प्रयास शुरू कर दिए हैं। आज की स्थिति में महानगरपालिका की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब है। फिर भी संपत्ति और जल टैक्स वसूली में देरी हो रही है, जिसे लेकर लेखा परीक्षकों ने सवाल उठाए हैं। इसके चलते आगामी महानगरपालिका चुनाव से पहले महानगरपालिका प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। महानगरपालिका ने संपत्ति और जल टैक्स वसूली के लिए अभय योजना कार्यान्वित की थी, जिसे नागरिकों का प्रतिसाद नहीं मिला।