File Photo
File Photo

    Loading

    नासिक : शिशुओं के लिए स्कूल शुरू करने वाले संस्कार केंद्र और गर्भवती माताओं के स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले आरोग्य केंद्र की दोहरी भूमिका निभाने वाले आंगनवाड़ी (Anganwadi) में रिक्त पदों (Vacant Posts) की समस्या अब दूर होगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (Anganwadi Workers), सहायिका के रिक्त पदों को भरने के लिए वित्त विभाग ने बुधवार को मंजूरी दे दी। इस मंजूरी से जिले में खाली पड़े हजारों रिक्त पदों को भरने का मार्ग प्रशस्त होगा और बाधित कार्यों को फिर से शुरू किया जा सकेगा। गांवों में आंगनबाड़ी के कार्य महिलाओं और बच्चों के लिए महत्वपूर्ण और मूल्यवान है। साथ ही जिले में कोरोना महामारी के कारण कई पद रिक्त थे, इसलिए आंगनबाड़ियों का कामकाज निश्चित तौर पर बाधित हुआ, इसलिए जिला परिषद (District Council) और जनप्रतिनिधियों (People’s Representatives) ने भी समय-समय पर इन रिक्त पदों को भरने की मांग की। 

    पिछले वर्ष जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के 179, सहायिकाओं के 738 और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के 22 पद खाली थे। अकेले येवला तहसील में दोनों परियोजनाओं के परियोजना अधिकारियों सहित 99 रिक्त पद हैं, इससे जिले में काम में व्यवधान आ रहा है और कर्मचारियों पर काम का भारी बोझ बढ़ता जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं की समस्या वर्षों से चली आ रही हैं। स्टाफ की संख्या कम होने से सेविकाओं व सहायिकाओं पर दबाव है।  एक स्टाफ दो तीन आंगनवाड़ियों की जिम्मेदारी निभा रहा है, जिससे अव्यवस्था बढ़ रही है। इस समस्या के चलते कई दिनों से भर्ती करने की मांग की जा रही थी। 

    वित्त विभाग ने बुधवार को सेविका, मिनी सेविका और सहायिका के स्वीकृत पदों के रिक्त पदों को भरने की स्वीकृति दे दी है। पहले कुछ जिलों में ये पद 50 प्रतिशत तक भरे जाते थे। लेकिन बड़ी संख्या में रिक्त पदों के कारण योजनाओं के कार्यान्वयन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। अत: आज के शासनादेश के अनुसार 20 हजार 183 रिक्त पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इन पदों को भर्ती प्रक्रिया के विभिन्न मापदंडों के अनुसार भरने की स्वीकृति प्रदान की गई है। 

    अन्य कर्मचारियों के पद अभी भी काफी हद तक खाली हैं

    ग्राम स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों के पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है, लेकिन कई पंचायत समितियों में बाल विकास परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक, लिपिक और अन्य कर्मचारियों के पद आज भी काफी हद तक रिक्त हैं, इससे स्वाभाविक रूप से तहसील स्तर से काम सीमित हो जाता है, इसलिए मांग की जा रही है कि अधिकारियों के पदों को तत्काल भरा जाए।

    आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के रिक्त पदों को तत्काल भरने और असुविधा को रोकने की मांग समय-समय पर की जाती रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ीयों में गरीबों के लिए नर्सरी-प्लेग्रुप जैसी कक्षाएं हैं, इसलिए ये आंगनबाड़ी संस्कार केंद्र बन रहे हैं, यहां खाली पदों को भरने के लिए सरकार की ओर से लिया गया कदम स्वागत योग्य है और इसे समय पर लागू किया जाना चाहिए। आंगनबाड़ीयों में कर्मचारी होने चाहिए।

    - डॉ. सुधीर जाधव