गोदावरी नदी की उपनदियों का सर्वेक्षण शुरू, नासिक पहुंची IIT Powai के दो सदस्यों की टीम

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    नासिक : सिंहस्थ कुंभ मेला (Simhastha Kumbh Mela) से पहले गोदावरी नदी (Godavari River) सहित उपनदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए महानगरपालिका (Municipal Corporation) ने पवई आयआयटी (Powai IIT) को सर्वेक्षण के लिए अनुमति दी है। इसके तहत दो वैज्ञानिक का पथक शहर में दाखिल होकर कामकाज शुरू किया है। यह पथक दो दिनों में सर्वेक्षण पूर्ण कर व्यवहार्यता की जांच कर महानगरपालिका को रिपोर्ट पेश की जाएगी। 

    2008 में मुंबई शहर और परिसर में बड़े तौर पर बारिश होने के बाद मिठी नदी को बाढ़ आई थी। इसके बाद मिठी नदी के प्रदूषण का मुद्दा चर्चा मे आया। मिठी नदी प्रदूषण मुक्त करने के लिए पवई आयआयटी ने पहल करते हुए उपाय योजना बताई। 2027 में नासिक में सिंहस्थ कुंभ मेला होने वाला है। इस पार्श्वभूमी पर गोदावरी सह उप नदी को प्रदूषण मुक्त करने का प्रयास शुरू है। केंद्र सरकार की ओर से नमामि गोदा प्रकल्प कार्यान्वित किया जाएगा। इसके लिए 1800 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा। नमामि गोदा प्रकल्प के लिए सलाहकार संस्था का चयन किया गया है। साथ ही स्मार्ट सिटी कंपनी के माध्यम से प्रोजेक्ट गोदा शुरू किया गया है। 

    इसके तहत गोदा घाट का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। गोदावरी नदी परिसर में दो प्रकल्पों का काम शुरू है। नंदिनी, वाघाडी, वालदेवी, सरस्वती आदि उप नदी गोदावरी को मिलती है। इसलिए उनकी साफ-सफाई करना आवश्यक है। इसलिए पवई आयआयटी के अधिकारियों ने महानगरपालिका से संपर्क करते हुए स्वच्छता के लिए उपाय योजना बनाई। पिछले सप्ताह में महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार और शहर अभियंता शिवकुमार वंजारी ने आयआयटी अभियंताओं के साथ बैठक कर सर्वेक्षण करने के लिए अनुमति दी। इसके बाद श्रीधर गढवाल और आशिष सालुंखे यह दो शास्त्रज्ञ उपनदी और उन्हें जोड़ने वाले नैसर्गिक नालों का सर्वेक्षण करने के लिए नासिक में दाखिल हो चुके है। दो दिन सर्वेक्षण कर वह अपनी रिपोर्ट महानगरपालिका को पेश करने वाले है। यह जानकारी महानगरपालिका के अधीक्षक अभियंता शिवाजी चव्हाणके ने दी। 

    महानगरपालिका की होगी उपाय योजना करने की जिम्मेदारी

    गोदावरी नदी में उप नदी के साथ 67 नालों का पानी जमा होता है, जिसे अलग कर गोदावरी नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए क्या उपाय योजना करें? इसके लिए सर्वेक्षण शुरू हो चुका है। सर्वेक्षण पूर्ण होने के बाद महानगरपालिका को प्राप्त होने वाली रिपोर्ट के तहत उपाय योजना की जाएगी। यह जिम्मेदारी महानगरपालिका की होगी।