Export of grapes started from Nashik district
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    नाशिक : पिछले कई दिनों से नाशिक जिले (Nashik District) में मौसम (Weather) का मिजाज बदला हुआ है। आसमान में बादल छाए होने की वजह से सुबह धूप भी देर से निकल रही है। लेकिन मौसम विभाग (Meteorological Department) का कहना है कि यह मौसम बारिश का संकेत है। इस बात से अंगूर उत्पादक (Grape Growers) चिंतित हो गए है।

    हर दिन बदलते मौसम और प्राकृतिक आपदा की वजह से कृषि उत्पादों का नुकसान बढ़ गया है। किसान फसलों के उत्पादन के लिए काफी बड़ी रकम खर्च करते है। इसकी तुलना में उत्पादन नहीं होने से किसान परिवारों के लिए अपने काम को जारी रखना मुश्किल हो गया है। तालुका में नकदी फसलों की संख्या अधिक है। लेकिन ये फसल अब प्रकृति के बिगड़े मूड का शिकार बन सकते है।

    पिछले चार वर्षों में औसत फसल के उत्पादन पर नजर डाले तो उत्पादन का खर्च निकालना मुश्किल हो गया है। इनमें कई किसानों के सोसायटी, बैंक, पंतसंस्था  से लिए गए कर्ज, गहने, जमीन, उधारी में ली गई रकम, बिजली बिल की वसूली, किराणा माल का बढ़ता बाजार भाव, बढ़ी मजदूरी, बीजों की बढ़ी कीमत और दैनिक जरूरत आदि के हिसाब को पकड़े तो किसानों के सिर पर कर्ज का बोझ बढ़ता नजर आ रहा है।

    लोडशेडिंग का भी सामना किसानों को करना पड़ रहा है

    पिछले महीने लगातार दो रात बारिश होने का परिणाम किसान अभी तक भोग रहे है। पिछला जख्म अभी तक हरा है और अब पिछले चार पांच दिन से लगातार आसमान में बादल छाए हुए है। कही कही बारिश भी हुई और बर्फ के गोले भी गिरे है। इसकी वजह से कुछ जगहों पर किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है। मौजूदा समय में परिसर में पिछले वर्ष सितंबर महीने में छंटाई हुई अंगूर बागान से पानी उतरने की स्थिति है। बादल नुमा मौसम और बारिश होने पर फसल के खराब होने का खतरा है। बादल नुमा मौसम की वजह से कीड़े लगने का भी डर रहता है। इसलिए अंगूर उत्पादन के खर्च में हर दिन बढ़ोतरी हो रही है। इतना ही नहीं बिजली वितरण कंपनी की लगातार लोडशेडिंग का भी सामना किसानों को करना पड़ रहा है।

    किसान आपदा के डर से सहमे

    बारिश, तूफान और बादल से किसान की फसल को भारी नुकसान हो सकता है। खासकर अंगूर उत्पादक किसानों की सारी मेहनत पर पानी फिर सकता है। यही वजह है किसान संभावित आपदा को लेकर सहमे हुए है।