नाशिक : गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड (Jitendra Awhad) नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) की नींद उड़ाने में जुटे है। कुछ दिन पहले उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए 700 से 1000 करोड़ के नुकसान का दावा किया था। अब एक बार फिर से ट्वीट (Tweet) कर खलबली मचा दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि महानगरपालिका (Municipal Corporation) ने केवल फ्लैट की जानकारी दी है लेकिन महानगरपालिका कमिश्नर (Municipal Commissioner) के सिग्नेचर से एक एकड़ से अधिक के लेआउट (Layout) को मंजूर किया गया। यह एक बड़ा घोटाला है। इसे लेकर पुलिस से शिकायत करूंगा।
नवंबर 2013 के नियमानुसार विकास नियंत्रण नियमावली और दिसंबर 2020 से लागू किए गए एकात्मिक विकास नियंत्रण और प्रोत्साहन नियमावली में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और लो इनकम ग्रुप के लिए फ्लैट उपलब्ध कराने का नियम बनाया गया है। इस नियम के अनुसार 20 फीसदी फ्लैट या प्लॉट के निर्माण कार्य का प्रमाणपत्र मिलने के बाद महाराष्ट्र गृहनिर्माण और क्षेत्र विकास बोर्ड (म्हाडा) को हस्तांतरित करना पड़ता है। लेकिन नाशिक महानगरपालिका न करते हुए निर्माण कार्य पूरा होने का सर्टिफिकेट जारी किया। इसे लेकर जितेंद्र आव्हाड ने 700 से 1000 करोड़ के नुकसान का दावा किया था।
सोमवार को फिर से आव्हाड ने ट्वीट कर कहा कि महानगरपालिका द्वारा अब तक दी गई जानकारी फ्लैट के संदर्भ में थी। लेकिन एक एकड़ से अधिक लेआउट कितने है उसका हिसाब देने को महानगरपालिका तैयार नहीं है। क्योंकि यह ले आउट केवल महानगरपालिका कमिश्नर के सिग्नेचर से मंजूर होता है। यह काफी बड़ा घोटाला है। इसे लेकर पुलिस से शिकायत करूंगा।
आव्हाड ने किया ट्वीट
नाशिक महानगरपालिकेच्या आयुक्तांनी आधी 34 प्रकल्प म्हाडा संबंधी सांगितले. त्यानंतर त्यांच्या नगररचनाकाराने ते 84 असल्याचे सांगितले. हे सगळे प्रकल्प सदनिकांसंबंधी होते. आणि एक एकरच्या पुढचे लेआऊट किती आहेत याचा कुठलाही हिशोब द्यायला महानगरपालिका तयार नाही.
— Dr.Jitendra Awhad (@Awhadspeaks) January 24, 2022
प्रोजेक्ट के आंकड़ों में अंतर
गृह निर्माण मंत्री के ट्वीट के बाद महानगरपालिका कमिश्नर कैलाश जाधव ने अनियमितता नहीं होने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि 2013 से एक एकड़ से अधिक क्षेत्र के 34 प्रोजेक्ट मंजूर किए गए। इसमें दो प्रोजेक्ट म्हाडा के थे। दो प्रोजेक्ट में म्हाडा ने एनओसी दिया। एक प्रोजेक्ट में तीन बार विज्ञापन देने पर भी रिस्पांस नहीं मिलने पर बिल्डर को घर बेचने के लिए म्हाडा ने एनओसी दिया। शेष बचे 29 प्रोजेक्ट में से 11 प्रोजेक्ट का काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
महानगरपालिका कमिश्नर ने कहा कि चार प्रोजेक्ट का काम पूरा हो चुका है। जबकि 14 प्रोजेक्ट का काम जारी है। मंत्री के आरोप लगाए जाने के तीसरे दिन 59 हाउसिंग प्रोजेक्ट होने की घोषणा की गई। पांच प्रोजेक्ट म्हाडा के है और 29 प्रोजेक्ट लो इनकम ग्रुप के है। आठ प्रोजेक्ट को एनओसी दिया गया है। दो प्रोजेक्ट का प्रस्ताव पेश किया गया है।