नाशिक : राज्य सरकार के कर्मचारी (State Government Employees) केंद्रीय संघ राज्य सरकार (Central Union State Government), अर्ध-सरकारी शिक्षक (Semi-Government Teachers) गैर-शिक्षण कर्मचारी (Non-Teaching Staff) 23 फरवरी से 24 फरवरी तक 2 दिवसीय राज्यव्यापी हड़ताल पर हैं। नाशिक जिले से सरकारी वर्ग 3 और 4 के कर्मचारी हड़ताल पर हैं। संगठन की ओर से प्रत्येक कार्यालय में डोर मीटिंग की गई है।
राजस्व विभाग, कोषालय कार्यालय, आदिवासी विकास भवन, चैरिटी कमिश्नर, आर.टी.ओ कार्यालय, माल एवं सेवा कर कार्यालय, वन विभाग, शिक्षा निदेशालय, फोरेंसिकलैब, जल संसाधन विभाग, सिविल अस्पताल, ईएसआई अस्पताल, सातपुर, राजस्व आयुक्त कार्यालय, नाशिक रोड, आदि गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने इस हड़ताल में भाग लिया है, सेंट्रल यूनियन ऑफ स्टेट गवर्नमेंट एंप्लॉयीज की प्रदेश उपाध्यक्ष सुनंदा जरांडे ने यह जानकारी दी है।
हड़ताल को सफल बनाने के लिए राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दिलीप थेटे, श्यामसुंदर जोशी, उपाध्यक्ष दिलीप पाटिल, शरद चंद्र नामपुरकर, ट्रेजरी यूनियन के राजेश राजवाड़े हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हड़ताल का मुख्य उद्देश्य राज्य सरकार के कर्मचारियों की 2005 से बंद पेंशन को बहाल करना है। राजू देसाले और वीडी धनवटे ने बताया है कि इस हड़ताल को आईटीसी कर्मचारी संघ का सक्रिय समर्थन प्राप्त है। राज्य सरकार ने हड़ताल में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है। सामान्य प्रशासन विभाग ने मंगलवार को इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने यह मानकर हड़ताल खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं कि हड़ताल से सरकार के कामकाज पर असर पड़ेगा। राज्य सरकार के किसी कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु होने पर कर्मचारी का परिवार सेवानिवृत्ति वेतन का हकदार होगा और यदि कर्मचारी चिकित्सा कारणों से सेवानिवृत्त होता है तो उन पर बीमारी पेंशन लगाई जाए। वित्त राज्य मंत्री शंभूराज देसाई ने अधिकारियों, कर्मचारियों और विभिन्न यूनियनों की बैठक में आश्वासन दिया कि एक अध्ययन समूह राज्य सरकार के कर्मचारियों के साथ-साथ केंद्र सरकार की सेवानिवृत्ति योजना को लागू करने पर विचार करेगा और सिफारिश करेगा।
प्रमुख मांगें :
- सेवानिवृत्ति की आयु केंद्र और 25 अन्य राज्यों की तरह 60 वर्ष होनी चाहिए
- नई पेंशन योजना को रद्द करें और पुरानी पेंशन योजना को सभी पर लागू करें
- राज्य में ढाई लाख से अधिक के रिक्त पदों को बिना संविदा आधार पर नियमित वेतनमान पर भरा जाए
- पांचवें और छठे वेतन आयोगों में वेतन त्रुटियों पर खंड-II रिपोर्ट का कार्यान्वयन
- सातवां वेतन आयोग बकाया की तीसरी किस्त तत्काल प्राप्त हो
- सातवें आयोग के अनुसार केंद्र में लागू परिवहन और अन्य भत्तों को भी राज्य में लागू किया जाना चाहिए
- महिला अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कार्यालय परिसर में सुविधाएं प्रदान की जाये
- सातवें वेतन आयोग के तहत एश्योर्ड प्रोग्रेस स्कीम में ग्रेड पे की एस-20 सीमा को हटाया जाए
- अनुकंपा के आधार पर बिना शर्त नियुक्तियां करें
- नई शिक्षा नीति को रद्द करें