नासिक : तनाव, अस्वस्थता, चिंता, भयगंड, स्किझोफ्रेनिया जैसी विभिन्न मानसिक बीमारियों (Mental Illnesses) का प्रमाण दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के बाद मानसिक बीमारी के मरीजों में 25 प्रतिशत की बढ़त हो गई है। इसके चलते हर 10 नागरिक में से 5-6 नागरिक मानसिक बीमारी के शिकार हो रहे है। इस बारे में जनजागृति के साथ समय पर उपचार करना आवश्यक होने की बात मानसोपचार विशेषज्ञ कर रहे है। मानसिक बीमारी को लेकर नागरिक ध्यान नहीं देते है। शरीर में कुछ दर्द होने पर तुरंत उपचार किए जाते है। परंतु, कई बार मानसिक बीमारी की ओर ध्यान नहीं दिया जाता है। इसलिए सौम्य स्वरूप की मानसिक बीमारी गंभीर बन जाती है। इस बीमारी पर दवा, कॉग्निटीव बिहेवीयरल थेरेपी और समुपदेशन आदि उपचार है। इस बार में अधिक जानकारी देते हुए मानसोपचार विशेषज्ञ डॉ. हेमंत सोननीस ने कहा, कोरोना महामारी के बाद मानसिक बीमारी के मरीजों में बढ़ोतरी हुई है। इस बारे में जनजागृति करना आवश्यक है। कई बार मानसिक बीमारी सही उपचार से ठीक हो सकती है। नाशिक इस्कॉन के अध्यक्ष कृष्णधन प्रभु ने कहा, गीता के (6.6) में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कहा है कि नियंत्रित मन आदमी का अच्छा मित्र हो सकता है। अनियंत्रित मन आदमी का शत्रु होता है। मानसिक स्वास्थ्य के लिए मन पर नियंत्रण करना सीखना होगा। समर्थ रामदास स्वामी ने कहा है कि, जिसने मन पर नियंत्रण पाया, उसने विश्व को जीता। मन को नियंत्रित करने के लिए मंत्र जप, प्राणायाम, ध्यान, सेवा सर्वोत्तम उपाय है।
मानसिक बीमारी का प्रमाण (प्रति 100 आबादी के पीछे)
- तनाव (डिप्रेशन) – 15
- चिंतारोग (एन्झायटी) – 25
- व्यसनाधीनता (ॲडिक्शन) – 30
- लैंगिक समस्या – 30 से 40
- स्किझोफ्रेनिया – 1 से 2
- निद्रानाश – 35 से 40
- ऑब्सेसिव कम्पल्सीव डिसऑर्डर – 5
- बाइपोलर ऑफेंसिव डिसऑर्डर – 2
मानसिक आरोग्य के लिए यह करें
नियमित रूप से ध्यान, योगासन करें। मित्र, परिवार के साथ समय बिताएं। दिन में कुछ समय अपने आप को दे। 7 से 8 घंटे सोना जरूरी।