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    नाशिक: पेठरोड स्थित शरदचंद्र पवार कृषि उपज मंडी समिति (Sharad Chandra Pawar Krishi Upaj Mandi Samiti) में बगैर नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) से मंजूरी (Approval) लिए अवैध रूप से 178 दुकानें (Illegal Shops) बनाई गई हैं, जिसे 25 जुलाई तक हटाने के निर्देश मंडी समिति प्रशासक ने नोटिस (Notice) जारी कर दिए हैं। इसके चलते दुकानदारों में खलबली मच गई है। संबंधित सभी दुकानदार पेठरोड के शरदचंद्र कृषि उपज मंडी समिति के हैं। इसमें टमाटर, फल, अनाज सहित दलहन व तिलहन का कारोबार करने वाले व्यापारी शामिल हैं।

    बताया जा रहा है कि बिना  नाशिक महानगरपालिका की मंजूरी लिए बनाई गई अवैध दुकानों को अपने खर्चे से हटाने के लिए मंडी समिति ने समय-समय पर लिखित और मौखिक रूप से आदेश दिए हैं। मंडी समिति में इस अवैध निर्माण के कारण जमीन का रेखांकन, निर्माण नक्शा मंजूरी में समस्या निर्माण हुई है। भविष्य में आने वाली समस्या को टालने के लिए इस जमीन का रेखांकन, निर्माण नक्शा मंजूरी के लिए यहां के शेड, कामचलाउ रूप में बनाई गई दुकानों को तत्काल हटाना जरूरी है। अन्यथा, मंडी समिति की ओर से दुकानों को हटाने की चेतावनी दी गई है। इस दौरान होने वाले नुकसान के लिए दुकानदार के ही जिम्मेदार होने की बात कही गई है।

    दुकानदारों के आर्थिक नुकसान के कौन जिम्मेदार?

    अवैध निर्माण तत्कालीन संचालक मंडल के कार्यकाल में किया गया है। कारोबारियों ने संचालक मंडल में प्रस्ताव पारित करते हुए यह दुकान व्यापारियों को हस्तांतरित किए हैं। अगर उस दौरान प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी जाती तो वर्तमान में यह अवैध निर्माण नहीं होता। अब प्रशासक ने अपने खर्चे से अतिक्रमण को हटाने के लिए कहा है, लेकिन इन दुकानदारों के आर्थिक नुकसान के कौन जिम्मेदार है? यह प्रश्न उठाया जा रहा है। 

    महानगरपालिका प्रशासन की अनदेखी

    मई माह में महानगरपालिका के नगर रचना विभाग द्वारा मंडी समिति को अवैध निर्माण को लेकर नोटिस देकर उसे हटाने की बात कही गई थी। लगभग दो माह गुजरने के बाद भी महानगरपालिका ने किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की, लेकिन अब मंडी समिति के प्रशासक ने खुद अवैध दुकानदारों को नोटिस थमाई है।