Sweet shop
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    नासिक: शहर के अधिकतर मिठाई विक्रेता नियमों का उल्लंघन करते हुए नागरिकों के साथ जान से खेल रहे है। फिर भी अन्न व औषध प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है क्योंकि मिठाई विक्रेता (Sweet Sellers) और अन्न व औषध प्रशासन में मिलीभगत का आरोप नागरिक कर रहे हैं। शहर के अधिकतर मिठाई विक्रेताओं ने माल पर ‘बेस्ट बीफोर’ (Best Before) का फलक नहीं लगाया है। कई मिठाई पर चांदी (Silver) के बजाए एल्युमिनियम का उपयोग किया जा रहा है, जो नागरिकों के लिए खतरनाक है। 

    मिठाई के दूकान में मिठाई कितने दिनों तक खाने योग्य है? इस बारे में ‘बेस्ट बीफोर’ ऐसा फलक लगाने का निर्णय अन्न सुरक्षा व मानके प्राधिकरण ने लिया है, जो दस्तावेज तक ही सीमित है क्योंकि लापरवाही और नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले मिठाई विक्रेताओं पर अन्न व औषध प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की है। इसके चलते बेस्ट बिफोर उल्लेख के बगैर मिठाई की बिक्री हो रही है।

    चांदी के बजाए एल्युमिनियम का वर्क

    मिठाई पर कई सालों से चांदी का वर्क किया जाता है, परंतु पिछले कुछ सालों से इस वर्क के शुद्धता को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे है। चांदी का वर्क होने वाली मिठाई बेच सकते हैं, परंतु इस ओर मिठाई विक्रेता ध्यान नहीं दे रहे है। वह चांदी के वर्क की बजाए एल्युमिनियम फॉइल का उपयोग कर रहे है। फिर भी अन्न व औषध प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है।

    ठेला चालकों पर नहीं की जा रही कार्रवाई

    नासिक शहर में सैकड़ों ठेलों पर अन्न पदार्थ की बिक्री हो रही है। वहां पर कभी भी जांच नहीं की जाती। होटल के किचन की भी जांच नहीं हो रही है। वह केवल दस्तावेज पर ही की जा रही है। आज शहरों में जगह-जगह वडा पाव सहित अन्य खाद्य पदार्थ ठेले पर बेचे जा रहे है। यह सभी ठेके धारक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे है। फिर भी कार्रवाई नहीं हो रही है। अन्न व औषध प्रशासन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी नागरिकों के आरोग्य की ओर ध्यान देने के बजाए केवल झोली भरने का काम कर रहे है।