
नाशिक: कर्ज (Loan) की वसूली करते समय कई बार गैरकानूनी मार्ग का उपयोग किया जाता है। इसके चले कर्जदारों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके चलते कई कर्जदार चिंता में डूब जाते है। कर्ज वसूली के लिए बैंक प्रशासन (Bank Administration) गांवों में गुंड़ों की मदद लेता है। ऐसे भाई कर्जदारों को गाली-गलौज के साथ मारपीट भी करते है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए रिजर्व बैंक अर्थात आरबीआई (RBI) वसूली भाइयों की दादागिरी (Dadagiri) खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाने वाली है। साथ ही वसूली एजेंट के लिए आदर्श नियमावली भी जारी करने वाली है।
गौरतलब है कि आम तौर पर नागरिक अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कर्ज निकालता है। शुरुआत में कुछ किश्त भी अदा करता है, लेकिन आर्थिक समस्या आने पर किश्त अदा करने में समस्या निर्माण होती है।
रिकवरी एजेंट कर्जदारों को देते है धमकी
परिणामस्वरूप कर्जदार डिफाल्टर सूची में शामिल होता है। ऐसे में बैंक की ओर से कर्ज वसूली के लिए रिकवरी एजेंट का उपयोग किया जाता है। ये एजेंट साम, दाम, दंड, भेद का उपयोग करते है। समय-समय पर फोन कर कर्जदार के साथ दादागिरी, गाली-गलौज के साथ मारपीट की जाती है। नाशिक में ऐसी कई घटनाएं सामने आई है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रिकवरी एजेंट की इस दादागिरी को गंभीरता से लेते हुए सख्त निर्णय लिया है क्योंकि इस बारे में हजारों शिकायतें आरबीआई को प्राप्त हुई है। जल्द ही वसूली एजेंट के लिए आदर्श नियमावली जारी की जाएगी।
कर्जदारों को धमकाने पर दर्ज होगा केस
रिकवरी एजेंट कर्जदारों को धमकी या दादागिरी नहीं कर सकते। मारपीट या गाली-गलौज नहीं कर सकते। कर्जदारों को सुबह 9 से पहले और शाम 6 बजे के बाद फोन नहीं कर सकते। ऐसा होने पर मामला दर्ज हो सकता है। कर्ज वसूली के लिए गुंडागिरी का उपयोग या धमकाना प्रताड़ना में शामिल है। कर्जदार जहां पर काम कर रहा है, वहां पर बगैर सूचना दिए नहीं जा सकते। मित्र तथा सहयोगियों को फोन कर धमकाना भी अपराध है।