Situation normal in Panchdongri affected by contaminated water, public representatives and administration camped

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    लासलगांव : गर्मी के मौसम में जल की किल्लत (Crisis) तो आम बात है, लेकिन लासलगांव के लोगों को वर्षा काल में भी जल संकट का सामना करना पड़ रहा है, यहां के लोगों को जल के लिए लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। सरपंच जयदत्त होलकर ने पूर्व मंत्री छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) के माध्यम से नई पाइप लाइन (Pipeline) को मंजूरी दिलाने का प्रयास किया, लेकिन फिर भी यहां की जल समस्या का समाधान नहीं हो पाया। लासलगांव की जनता के बीच से बार-बार यह सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर यहां की जल समस्या का समाधान (Solution) कब होगा। 

    लासलगांव शहर जिसे अब कांदा नगरी के नाम से जाना जाता है, अब पानी की गंभीर किल्लत के लिए जाने लगा है। एक ओर राज्य के हर क्षेत्र में आधुनिक सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं तो दूसरी ओर  लासलगांव में जल किल्लत एक बहुत बड़ी समस्या के रूप में सामने आया है। यहां के स्कूली बच्चे भी सिर पर पानी का बर्तन ढोते हुए अक्सर दिखाई दे रहे हैं। 

    लोगों को 15-15 दिनों तक पानी नहीं मिलता

    उल्लेखनीय है कि चुनाव नजदीक आने के साथ ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के यहां जल संकट को लेकर जंग छिड़ जाती है। अब तक बहुत सी सरकार आई और गई लेकिन किसी ने भी यहां की जल समस्या के समाधान के बारे में गंभीरता से विचार नहीं किया। 15-15 दिन तक यहां के लोगों को पानी न मिलने पर भी किसी का ध्यान इस समस्या का समाधान करने की ओर नहीं जाता। 

    महीने भर का पानी बिल वसूल किया जाता

    शांत और संयमी लासलगांव वासियों को जल समस्या के स्थायी समाधान की बेसब्री से प्रतीक्षा है। खास बात यह है कि महीने में सिर्फ दो बार पानी प्राप्त करने वालों से पूरे महीने का पानी बिल वसूल किया जाता है। शिवसेना के तहसील प्रमुख प्रकाश पाटिल ने जब जिम्मेदार अधिकारियों से यह सवाल पूछा तो उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया। लासलगांव की जल समस्या इतनी गंभीर बन चुकी है कि लगता है कि उसका अब समाधान कभी नहीं होगा। स्थानीय लोगों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र समस्या का समाधान नहीं किया गया तो तीव्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।