लासलगांव में पानी के लिए हो रहा आंदोलन समाप्त, 16 गांवों की जलापूर्ति है प्रभावित

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    लासलगांव: नाशिक जिले (Nashik District) के पालकमंत्री छगन भुजबल (Guardian Minister Chhagan Bhujbal) के निजी सचिव और लासलगांव के सरपंच के आग्रह के बाद लासलगांव शहर विकास समिति की ओर शुरू किया गया आंदोलन (Protest) समाप्त हो गया है।

    लासलगांव के साथ-साथ 16 गांवों को जलापूर्ति (Water Supply) करने वाली योजना प्रभावित होने के कारण लासलगांव (Lasalgaon) में पिछले 15 दिनों से प्रतिदिन केवल एक बार ही जलापूर्ति किए जाने से नागरिकों में गहरा रोष व्याप्त है।  जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण गांव के लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। 

    पालकमंत्री के निजी सचिव ने की मुलाकात

    प्रतिदिन दोनों वक्त जलापूर्ति की जाए, इस मांग को लेकर लासलगांव शहर विकास समिति द्वारा डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के सामने आंदोलन शुरू किया गया था।  शहर विकास समिति की ओर से जलापूर्ति की दृष्टि से की गई। मांगों की पूर्ति होने तक आंदोलन जारी रखने का ऐलान भी किया गया था, लेकिन पालक मंत्री छगन भुजबल के निजी सचिव बाला साहेब लोखंडे और लासलगांव के सरपंच जयदत्त होलकर की ओर से जल्दी ही जलापूर्ति समस्या का समाधान पालकमंत्री की ओर से कराए जाने का आश्वासन देने के बाद समिति ने अपना आंदोलन समाप्त करने का ऐलान कर दिया। बालासाहेब लोखंडे और जयदत्त होलकर ने लासलगांव शहर विकास समिति के पदाधिकारियों से आंदोलन स्थल पर जाकर मुलाकात की और समिति के पदाधिकारियों ने आंदोलन वापस लेने का अनुरोध किया।

    16 गांवों में पाइपलाइन मरम्मत का काम मंजूर

    लोखंडे ने आंदोलनकारियों को बताया कि पालकमंत्री छगन भुजबल के प्रयासों से ही 16 गांवों में पाइपलाइन मरम्मत का काम मंजूर हुआ है, इसके लिए जल्दी ही टेंडर भी निकाला जाएगा। उन्होंने समिति को यह भी आश्वासन दिया कि इस योजना को प्रशासकीय समिति का गठन करके संचालित किया जाएगा। इस दौरान यह भी जानकारी दी गई। प्रशासकीय समिति में तकनीकी सहायक की भी नियुक्ति की जाएगी।  निजी सचिव और सरपंच की ओर से दिए गए आश्वासन के बाद समिति ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया। 

    शीघ्र ही करेंगे बैठक छगन भुजबल : लोखंडे

    बालासाहेब लोखंडे ने लासलगांव शहर विकास समिति के पदाधिकारियों को यह भी आश्वासन दिया कि पालकमंत्री छगन भुजबल जल्दी ही इस संदर्भ में बैठक आयोजित करके समस्या का स्थायी समाधान करेंगे। इसके बाद लोखंडे और होलकर ने आंदोलन कर रहे पदाधिकारियों को नींबू पानी पिलाकर आंदोलन समाप्त करवाया।