Nashik Municipal Corporation suffered a setback of 150 crores in the first quarter, the councilors may have to face problems

    Loading

    नाशिक : महानगरपालिका (Municipal Corporation) के कोषागार विभाग (Treasury Department) में घोटाले का मामला सामने आया है। ज्ञात हो कि महानगरपालिका में नियमित रूप से भुगतान की जाने वाली विभिन्न राशियों को यहां जमा नहीं किया जा रहा है। इन कर्मचारियों को ऐसा करने के लिए किसने कहा, इस पर चर्चा जारी है। दूसरी ओर महानगरपालिका कमिश्नर (Municipal Commissioner) कैलास जाधव (Kailash Jadhav) मामले की जांच (Investigate) करेंगे। हम दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे, ऐसी चेतावनी भी दी गई है।

    अगले कुछ दिनों में महानगरपालिका के चुनाव (Municipal Elections) होने हैं। प्रभाग रचना मसौदे पर आपत्तियां मंगवाई गई हैं। यह मामला पहले ही सामने आ चुका है इसलिए इस पर मिर्च मसाला लगा कर चर्चा हो रही है। अब सवाल यह है कि इस मामले के पीछे कौन है, जांच में कौन सामने आएगा, ऐसी उत्सुकता बनी हुई है। समझा जाता है कि महानगरपालिका के लेखा विभाग ने इस घोटाले की पोल खोल दी है।

    महानगरपालिका में नियमित भुगतान होता आ रहा है लेकिन यह राशि जमा नहीं की जाती है। इस मामले में संबंधित कर्मचारी से जवाब मांगा गया है। यह कर्मचारी एलबीटी विभाग में भी था। वहां भी उसने ऐसा ही किया था। इसलिए उस विभाग की हर रसीद की जांच की जा रही है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। फिर भी समझा जाता है कि संबंधित पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

    कोषागार के मामले की जांच की जाएगी। हम दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। किसी को माफ नहीं किया जाएगा।

    - कैलास जाधव, महानगरपालिका कमिश्नर, नाशिक

    उपायुक्त अर्चना तांबे वर्तमान में इस विभाग की प्रभारी हैं। उन्होंने संबंधित कर्मचारियों को कड़ी चेतावनी दी। इसके बाद उन्होंने जरूरी फाइलें और दस्तावेज जांच के लिए मंगवायें। इस बीच, मामले की आंतरिक जांच जारी है। अब महानगरपालिका कैलास जाधव ने कहा है कि विभाग के पूरे आर्थिक व्यवहार की जांच कराई जाएगी। जाधव ने कहा कि इस मामले की जानकारी महानगरपालिका अधिकारीयों से मांगी जाएगी। उनसे पूछताछ की जाएगी। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी है कि किसी को भी छोड़ा नहीं  जाएगा।