NGO in US raises $ 950,000 for Indian school children
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    येवला : प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (Pradhan Mantri Poshan Shakti Nirman Yojana) यानी स्कूल पोषण योजना (School Nutrition Scheme) के तहत स्कूली छात्रों (School Students) के लिए खिचड़ी (Khichdi) पकाने की दर में प्रति छात्र दर में 9.6 प्रतिशत की वृद्धि (Increase) की गई है। एक तरफ महंगाई आसमान छू रही है और मिली सब्सिडी को खर्च करने की कवायद चल रही है, वहीं प्राइमरी के लिए 48 पैसे और अपर प्राइमरी के लिए 72 पैसे की मामूली बढ़ोतरी हुई है। पोषण आहार योजना को अभी-भी ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। खाना पकाने के लिए जरूरी गैस, किराना और सब्जी के दाम में कई रुपए की बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन सरकार ने खाना बनाने और अन्य खर्चों के लिए पैसे बढ़ा दिए हैं। स्वयं सहायता समूह और शिक्षक जानते हैं कि स्कूल के भोजन को पकाते समय कैसे अनुकूलित किया जाए। 

    स्कूल पोषाहार योजना के तहत कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों को 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन और छठी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को 700 कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटीन युक्त भोजन उपलब्ध कराया जाता है। योजना के तहत, केंद्र सरकार प्राथमिक कक्षा के लिए प्रति छात्र प्रति दिन 100 ग्राम और उच्च प्राथमिक कक्षा के लिए प्रति दिन 150 ग्राम चावल प्रदान करती है। 

    प्रति लाभार्थी 72 पैसे प्रतिदिन की दर से वृद्धि की गई है

    केंद्र सरकार ने 2019 में 5.35 फीसदी, पिछले साल 10.99 फीसदी और इस साल 9.6 फीसदी की बढ़ोतरी की है, इसके अनुसार पहली से पांचवीं यानी प्राथमिक समूह के लिए 48 पैसे और उच्च प्राथमिक समूह के लिए प्रति लाभार्थी 72 पैसे प्रतिदिन की दर से वृद्धि की गई है। इसलिए, प्रत्येक छात्र को पहली से पांचवीं कक्षा के लिए प्रति दिन 5.45 पैसे और छठी से आठवीं कक्षा के लिए प्रति दिन 8.17 पैसे मिलेंगे। यह कीमत वृद्धि एक अक्टूबर से लागू की गई है। 

    2.8 पैसे ईंधन और सब्जियों पर खर्च किए जा सकते हैं

    ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालयों में चावल और अन्य खाद्यान्न की आपूर्ति की जाती है। दैनिक प्रावधान से 3.37 पैसे प्राथमिक समूह के लिए अनाज और अन्य सामान उपलब्ध कराने पर खर्च किए जा सकते हैं, जबकि 2.8 पैसे ईंधन और सब्जियों पर खर्च किए जा सकते हैं, जबकि उच्च प्राथमिक समूह के लिए खाद्यान्न पर 5.6 पैसे और ईंधन और सब्जियों पर 3.11 पैसे खर्च किए जा सकते हैं। शहरी क्षेत्रों में स्वैच्छिक सेवाओं, स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से तैयार भोजन की आपूर्ति की जाती है, इसके लिए सेंट्रल किचन का इस्तेमाल किया जाता है। अत: प्राथमिक समूह को 5 रुपए 45 पैसे और उच्च प्राथमिक समूह को 8 रुपए 17 पैसे भोजन तैयारी व्यवस्था को दिया जायेगा।