देवला: शिक्षक सुनील आहेर ने (Teacher Sunil Aher) आजीवन पर्यावरण संवर्धन का संकल्प किया। इसके तहत उन्होंने जन्मदिन, वर्ष श्राद्ध, विवाह, नामकरण समारोह, जयंती, पुण्य स्मरण के साथ लगातार एक हजार दिनों तक लगातार स्कूल-विद्यालय, आंगनवाड़ी, नगर पंचायत, ग्राम पंचायत, विविध संस्था के कार्यालय, गोवा, हरियाणा (Haryana), कुरुक्षेत्र, बैंकॉक (Bangkok) में पौधारोपण किया। इसकी शुरुआत 15 अगस्त 2020 से की है। 2011 से स्कूली विद्यार्थियों की मदद से पौधरोपण शुरू किया, परंतु कोरोना महामारी में स्कूल बंद होने से खुद पौधारोपण करने का निर्णय लिया। विशेष यह है कि पौधारोपण के बाद उनकी रक्षा भी की जा रही है।
वसुंधरा अभियान कार्यान्वित करते हुए उन्होंने पौधा बैंक शुरू कर मांग के अनुसार पौधों का वितरण किया। भारतीय प्रजाति के वट, पीपल, जामुन, करंज, आंवला, शीशम ऐसे पौधों का प्रमुख रूप से रोपण किया। साथ ही इन पौधों के फोटो शेयर करने की योजना कार्यान्वित की। इसके चलते हर एक पौधे की सुरक्षा होने की बात सामने आई है। पौधों का जन्मदिन मनाते हुए अन्य व्यक्तियों को भी पौधारोपण के लिए प्रोत्साहित किया। इस कार्य के लिए देवला एज्युकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष प्राचार्य हितेंद्र आहेर, राष्ट्रीय हरित सेना, राष्ट्रीय सेवा योजना विभाग, एनसीसी, सामाजिक वनीकरण, सहकारी मित्र डॉ. डी. के. आहेर का अहम सहयोग मिल रहा है।
पौधारोपण को मिल रहा बढ़ावा
अपने प्रिय व्यक्ति के स्मरणार्थ स्मृति वृक्ष, बच्चे का जन्म होने पर आनंद वृक्ष, विवाह पर मंगल वृक्ष, जन्मदिन पर ‘वाढ़वृक्ष’ ऐसे नाम से वट का पौधा भेंट करते हुए उसका रोपण किया जा रहा है। इसके माध्यम से बड़े तौर पर पौधारोपण को बढ़ावा मिल रहा है।
प्रकृति चक्र को सुरक्षित रखने के लिए पर्यावरण संवर्धन महत्वपूर्ण है, जिसमें सबसे अहम भूमिका पेड़ों की होने से सभी को पौधारोपण करना चाहिए। जल, जमीन और जीवन के लिए पौधारोपण आवश्यक है। मैंने जो संकल्प लिया है, उसे आखिरी सांस तक पूरा करता रहूंगा।
-सुनील आहेर, वृक्षमित्र शिक्षक