
कलवण. महाराष्ट्र राज्य वन विकास अधिकारी कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी और सदस्यों ने दीपाली चव्हाण (Deepali Chavan) मामले में गिरफ्तार (Arrested) किए गए आरोपियों (Accused) को सेवा समाप्त करने और इस मामले की जांच (Inquiry) केंद्रीय एजेंसी (Central Agency) के माध्यम से करने मांग की। संगठन ने मुख्य वनसंरक्षक (प्रा.) और प्रादेशिक व्यवस्थापक, नाशिक कार्यालय को ज्ञापन सौंपा।
संभागीय व्यवस्थापक यू.सी. ढगे ने कहा कि वन विभाग के कर्तव्यदक्ष वन परिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण हरिसाल मेलघाट, व्याघ्र प्रकल्प में कार्यरत थी। इस दौरान उप वन संरक्षक विनोद शिवकुमार ने दीपाली चव्हाण को लगातार मानसिक, आर्थिक, शारीरिक रुप से प्रताड़ित किया। कई बार अन्याय के खिलाफ वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे निराश होकर दीपाली ने खुद पर गोली चलाकर आत्महत्या की।
आरोपियों पर कठोर कार्रवाई होना जरुरी
उन्होंने बताया कि दीपाली ने आत्महत्या के पहले लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि उस पर होने वाले अन्याय के खिलाफ उन्होंने मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के अपर मुख्य वन संरक्षक श्रीनिवास रेड्डी के पास लगातार न्याय की गुहार लगाई थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इस घटना में आत्महत्या करने के लिए उकसाने वाले आरोपी एक नहीं बल्कि उन्हें बचाने अथवा उन्हें सुरक्षा देने वाले भी उतने ही दोषी है। इसलिए उप वन संरक्षक विनोद शिवकुमार सेवा खारिज करने और दीपाली पर होने वाले अन्याय को नजर अंदाज करने वालों पर कठोर कार्रवाई होनी जरूरी है। इस मौके पर संभागीय व्यवस्थापक यू.सी. ढगे, वन परिक्षेत्र अधिकारी पी.एस. डमाले, केंद्रीय उपाध्यक्ष राहुल वाघ, विभागीय अध्यक्ष चेतन शिंदे, विभागीय सचिव अशोक देवरे, गोपाल कुमावत, पंकज पाटिल, शुभम शिंदे, महिला कर्मी वैशाली पिसे, स्नेहा पाटिल, पूजा पाटिल, वैशाली पाटिल सहित अनेक कर्मी उपस्थित रहे।