Teacher Notice In Jalna
27 शिक्षकों को नोटिस जारी (डिजाइन फोटो)

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जालना: महाराष्ट्र (Maharashtra News) में आरक्षण का मुद्दा बहुत गरमाया हुआ है। जी हां मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) और ओबीसी आरक्षण का मुद्दा अब चर्चा में है। इस बीच सोशल मीडिया (Social Media) पर भी इस मुद्दे का असर देखने को मिल रहा है। इस बीच सामने आई खबर के मुताबिक, जालना (Jalna News) में आरक्षण को लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देना शिक्षक को महंगा पड़ गया है। जी हां बता दें कि मराठा आरक्षण को लेकर सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने पर 27 शिक्षकों को नोटिस जारी (Teacher Notice In Jalna) किया गया है। बता दें कि ये नोटिस जिला परिषद की ओर से दिए गए हैं। आइए जानते है क्या है पूरा माजरा… 

सांप्रदायिक तनाव का आरोप 

जैसा कि हमने आपको हाल ही में बताया है कि मराठा आरक्षण को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करने वाले जालना जिले के शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है। ये नोटिस जालना जिला परिषद के तहत काम करने वाले 27 शिक्षकों को दिए गए हैं। बता दें कि सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का आरोप लगाते हुए शिक्षकों को ये नोटिस दिए गए हैं। 

7 फरवरी को सुनवाई 

मुख्य कार्यकारी अधिकारी वर्षा मीना ने शिक्षकों को नोटिस भेजकर 7 फरवरी को सुनवाई के लिए उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि यह सुनवाई तीन शिक्षा अधिकारियों और ओबीसी नेता दीपक बोऱ्हाडे की मौजूदगी में होगी। ऐसे में अब यह सवाल उठा है कि इन 27 शिक्षकों को लेकर आगे क्या कार्रवाई होती है। 

उन्हें एक नोटिस मिला…

जालना जिले के बदनापुर तालुका के नानेगांव के शिक्षक ईश्वर गाडेकर ने आरक्षण के बारे में पोस्ट साझा किया। इस पर अन्य शिक्षकों ने भी अपनी राय व्यक्त की थी। इस पोस्ट पर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का आरोप लगाया गया  और 27 शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया । इस दौरान विनोद अरसुल, दिगंबर गाडेकर, सतीश अंभोरे, नागेश मगर, उद्धव पवार, बद्री यादव, गजानन वियाल, मधुकर काकड़े, रामेश्वर काले, अशोक शिंदे, दिगंबर जाधव, रमेश म्यंदे, ऋषिकेश मुके, विनायक भिसे, विजय गाडेकर, मनोहर रहे। इस मामले में साबले, अप्पासाहेब मुले, सतीश नागवे, भगवान देठे, दीपक चव्हाण, जगन्नाथ शिंदे, चक्रपाणि मुले, सुभाष भडांगे, विठ्ठल घुले, लक्ष्मण नवल, डीबी घुमरे को नोटिस जारी किया गया है।

maratha reservation
मराठा आरक्षण

सोशल मीडिया पर पुलिस की नजर…

गौरतलब हो कि पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर आरक्षण को लेकर विवादित पोस्ट में बढ़ोतरी हुई है। इसलिए विवाद होने की आशंका है। इसी पृष्ठभूमि में पुलिस की ओर से सोशल मीडिया पेट्रोलिंग की जा रही है। साइबर क्राइम की टीम सोशल मीडिया पर भी नजर रख रहा है। साथ ही विवादित पोस्ट करने वाले लोगों को पुलिस की ओर से नोटिस भी जारी किया जा रहा है। इसलिए पुलिस लगातार नागरिकों से अपील कर रही है कि वे गलत पोस्ट न करें, उन्हें लाइक और शेयर न करें और किसी भी तरह की सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाली पोस्ट न करे।