पुणे: महाराष्ट्र पुलिस (Maharashtra Police ) की गश्ती नौकाओं की मरम्मत के दौरान इंजन बदलकर पुराना लगाने और सात करोड़ रुपये की धोखाधड़ी (Seven Crore Fraud) करने के आरोप में शिपयार्ड कंपनी के कुछ अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी करने और विश्वास भंग का आपराधिक कृत्य करने की प्राथमिकी दर्ज (Case Registered) कराई गई है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (परिवहन) सुनील रमानंद ने चतु:श्रृंगी पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा-177 (जानबूझकर सरकारी अधिकारी को गलत सूचना देना), धारा-197 (गलत प्रमाणपत्र जारी करना या ऐसे दस्तावेज पर हस्ताक्षर करना), धारा-406 (भरोसे को तोड़ने का आपराधिक कृत्य) और धारा-420 (धोखाधड़ी) के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है।
अधिकारी के मुताबिक बुधवार को एक्वेरियस शिपयार्ड प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रत्नाकर दंडेकर और कंपनी के कुछ अधिकारियों, गोवा शिपयार्ड प्राइवेड लिमिटेड और ब्रिलिंयट सीगल प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों और कुछ सरकारी अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पुणे पुलिस के मुताबिक मामले की आगे की जांच के लिए प्राथमिकी को मुंबई के शिवडी पुलिस थाने स्थानांतरित कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर 2008 में मुंबई पर हुए हमले के बाद गोवा शिपयार्ड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार 28 इंटरसेप्टर नौकाएं तटीय सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार द्वारा मुहैया कराई गई थी और 29 नौकाएं वर्ष 2011-12 में राज्य सरकार ने खरीदी थी। अधिकारी ने बताया कि इन नौकाओं की मरम्मत की जिम्मेदारी इन कंपनियों को दी थी गई और उम्मीद की गई थी कि ये नए इंजन लगाएंगे लेकिन आरोप है कि इन्होंने नए इंजन की कीमत में विदेश से मंगाए गए पुराने इंजन लगाकर दे दिए।
उन्होंने बताया कि यह मामला तब सामने आया जब राज्य की भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) ने मार्च 2021 में अपनी रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार से 7. 23 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई। अगस्त 2020 में कुछ नौकाओं में अलग इंजन होने की जानकारी होने पर एसीबी को मामले की जांच सौंपी गई थी। (एजेंसी)