Relief to Param Bir Singh, Mumbai court cancels non-bailable warrant in extortion case registered at Marine Drive Police Station
Photo:ANI

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    मुंबई:  मुंबई (Mumbai) के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह (Former Mumbai Police Commissioner Param Bir Singh) को ठाणे (Thane) के एक कोर्ट (Court) से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके खिलाफ जारी गैर-ज़मानती वारंट (Non-Bailable Warrant) रद्द कर दिया है। दरअसल कई दिनों तक सामने न आने के बाद परमबीर सिंह गुरुवार को कोर्ट के आदेश के बाद सामने आए थे। उनसे मुंबई क्राइम ब्रांच (Mumbai Crime Branch) ने एक मामले पूछताछ कर उनका बयान दर्ज किया था। बता दें कि, पूर्व पुलिस कमिश्नर पर मुंबई और ठाणे के पुलिस थानों में जबरन वसूली और रंगदारी जैसे आरोपों के बाद मामले दर्ज हैं जिनकी जांच फिलहाल पुलिस कर रही है।    

    एएनआई के अनुसार, ठाणे की एक अदालत ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के उनके सामने पेश होने के बाद उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट रद्द कर दिया है। कोर्ट ने इसे रद्द करते हुए ठाणे पुलिस को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है। उनसे 15,000 रुपये का निजी मुचलका भरने का आदेश दिया गया है।

    इसके अलावा, शुक्रवार को परमबीर सिंह ने मुंबई के एक कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने कोर्ट से अदालत के आदेश को रद्द करने के लिए एक अपील दायर की है। कोर्ट से उन्होंने उनके खिलाफ दिए गए आदेश को रद्द करने की अपील की है। इस मामले में अब 29 नवंबर को आगे सुनवाई होगी। एएनआई के अनुसार, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने एस्प्लेनेड मजिस्ट्रेट की अदालत में अपने खिलाफ अदालत के उद्घोषणा आदेश को रद्द करने के लिए अर्ज़ी देखी की है। इस मामले में 29 नवंबर को सुनवाई होगी। 

    बता दें कि, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद परमबीर सिंह गुरुवार को मुंबई क्राइम ब्रांच पहुंचे थे। अधिकारियों ने रंगदारी के एक मामले में उनका बयान दर्ज किया। दरअसल कोर्ट (Court) ने जबरन वसूली के एक मामले (Extortion Case) में आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह (Param Bir Singh) को भगोड़ा घोषित किया है। पूर्व कमिश्नर सिंह के खिलाफ कोर्ट ने तीसरा गैर-जमानती वारंट जारी किया था। 

    इस बीच राज्य द्वारा नियुक्त चांदीवाल आयोग ने परमबीर सिंह को 29 नवंबर को पेश होने के लिए समन जारी किया है। अनिल देशमुख के खिलाफ पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए आयोग का गठन किया गया है जो पूरे मामले की जांच कर रहा है। इससे पहले इस मामले में बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे से आयोग सवाल-जवाब कर चुका है।