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    मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने हिंसा के कई मामलों में कथित तौर पर शामिल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को प्रतिबंधित करने के केंद्र सरकार के फैसले का बुधवार को स्वागत करते हुए कहा कि यह प्रकाश में आया है कि संगठन राज्य में “कुछ गंभीर” करने की साजिश रच रहा था। शिंदे ने नासिक में संवाददाताओं को बताया कि संगठन के सदस्यों ने पुणे में भी शांतिभंग करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।

    उन्होंने पीएफआई और उसके कुछ सहयोगी संगठनों को पांच साल के लिये प्रतिबंधित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया।  पुणे में पीएफआई के एक प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए जाने का संदर्भ देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “ऐसे लोगों को देश में रहने का अधिकार नहीं है।” उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय उनका ध्यान रखेगा। 

    मुख्यमंत्री ने कहा, “पीएफआई और उसके सहयोगी संगठन गंभीर अपराधों में संलिप्त पाए गए। संगठन हाल में आतंकी वित्त पोषण, हत्याओं, संविधान का अपमान करने, सामाजिक सद्भाव और देश की एकता को भंग करने में सक्रिय हुआ। यह भी सामने आया है कि संगठन महाराष्ट्र में भी कुछ गंभीर साजिश रच रहा था।”

    उन्होंने कहा, “असमाजिक तत्वों की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने और समाज को विभाजित करने की साजिश कभी कामयाब नहीं होगी।” शिंदे ने कहा कि यह देशभक्तों का राष्ट्र है और देश के खिलाफ बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और “बर्दाश्त नहीं किया जाएगा”। वहीं, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज कहा कि यह साबित करने के लिये पर्याप्त साक्ष्य हैं कि केंद्र द्वारा पांच साल के लिये प्रतिबंधित पीएफआई समाज में हिंसा के बीज बो रहा था।   

    फडणवीस के पास गृह मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि इस संगठन का उद्देश्य अफवाह फैलाना और हिंसा भड़काना था।  फडणवीस ने कहा, “सरकार और जांच एजेंसियों के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं कि पीएफआई हिंसा के बीज बो रहा था। अफवाह फैलाना, धन जुटाना और हिंसा भड़काना उनका लक्ष्य था।”

    उन्होंने कहा, “पूर्वोत्तर के एक राज्य में एक मस्जिद को गिराए जाने का एक फर्जी वीडियो हिंसा भड़काने के इरादे से प्रसारित किया गया था। अमरावती में ऐसी घटना हम पहले भी देख चुके हैं। बाद में पता चला कि वीडियो बांग्लादेश का है।”   फडणवीस ने कहा कि केरल पहला राज्य है जिसने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इसी तरह की मांग बाद में देश के अन्य राज्यों द्वारा भी की गई। (एजेंसी)