मुंबई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार (12 जनवरी) को महाराष्ट्र के मुंबई में अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु (Atal Bihari Vajpayee Sewari-Nhava Sheva Atal Setu) का उद्घाटन किया। 17,840 करोड़ रुपये से अधिक लागत से निर्मित यह पूल मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को तेज गति का सड़क संपर्क प्रदान करेगा और मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा में लगने वाले समय को भी कम करेगा।
#WATCH | PM Modi inaugurates Atal Bihari Vajpayee Sewari – Nhava Sheva Atal Setu in Maharashtra
Atal Setu is the longest bridge in India and also the longest sea bridge in the country. It will provide faster connectivity to Mumbai International Airport and Navi Mumbai… pic.twitter.com/2GT2OUkVnC
— ANI (@ANI) January 12, 2024
अटल सेतु भारत का सबसे लंबा पुल है और देश का सबसे लंबा समुद्री पुल भी है। यह मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को तेज़ कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा के समय को भी कम करेगा। यह मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच संपर्क को बेहतर बनाएगा।
देश का सबसे लंबे समुद्री पुल की खास बातें
- शहरी परिवहन अवसंरचना और संपर्क को मजबूत करके लोगों के आवागमन की सुगमता को बढ़ावा देने के अपने दृष्टिकोण के अनुरूप मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक (एमटीएचएल) बनाया गया है।
- मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक को ‘अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु’ नाम दिया गया है।
- 17,840 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से अटल सेतु का निर्माण किया गया है। उम्मीद है कि इसके पूरा होने पर प्रतिदिन लगभग 70,000 वाहन चलेंगे और यह 100 वर्ष चलता रहेगा।
- यह भारत का सबसे लंबा पुल और भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल भी है।
- यह पुल लगभग 21.8 किमी लंबा छह लेन वाला पुल है, जिसकी लंबाई समुद्र के ऊपर लगभग 16.5 किमी और जमीन पर लगभग 5.5 किमी है।
- टल सेतु के निर्माण में करीब 177,903 मीट्रिक टन स्टील और 504,253 मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है।
- मुंबई और नवी मुंबई की दूरी सिर्फ 20 मिनट में तय हो सकेगी। अभी दो घंटे का वक्त लगता था। यह मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को सीधा संपर्क प्रदान करेगा और मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा के समय को भी कम करेगा।
- अटल सेतु से मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच संपर्क में भी सुधार होगा।