Prakash Ambedkar
प्रकाश आंबेडकर (फाइल फोटो)

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  • गठबंधन पर कांग्रेस हाईकमान के मुहर की मांग  

नवभारत न्यूज़ नेटवर्क
अकोला/मुंबई: महाविकास आघाडी (मविआ) में प्रकाश आंबेडकर के वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) की एंट्री को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। मंगलवार को जहां आघाडी की तरफ से संजय राउत ने दावा किया कि आंबेडकर हमारे गठबंधन में शामिल हो गए हैं। लेकिन वंचित नेता ने बुधवार को बड़ा झटका देते हुए कहा कि अभी हमारी पार्टी महाविकास आघाड़ी में शामिल नहीं हुई ह। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने आघाडी की तरफ से भेज गए ऑफर को स्वीकार नहीं किया है। आंबेडकर ने कहा कि दो फरवरी को मविआ की बैठक में गठबंधन की शर्तों को लेकर विस्तृत चर्चा के बाद फैसला लिया जाएगा। उनके इस तेवर से आघाडी नेताओं पर दबाव बढ़ गया है। 

आघाडी ने लिखा पत्र
बुधवार को महाविकास आघाडी की तरफ से एक पत्र लिख कर वंचित आघाडी को गठबंधन में शामिल होने का खुला ऑफर दिया गया था। इस पत्र पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, राकां प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल व उद्धव बालासाहेब ठाकरे ( यूबीटी ) के संजय राउत के हस्ताक्षर थे। लेकिन आंबेडकर ने कहा कि आघाडी की मीटिंग के दौरान उनकी पार्टी के राज्य उपाध्यक्ष को उचित सम्मान नहीं दिया गया। साथ ही कहा कि गठबंधन में  शामिल होने को लेकर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) या प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रमेश चेन्निथला द्वारा कोई सूचना नहीं दी गई। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के पास मविआ गठबंधन में वीबीए को शामिल करने के लिए किसी भी पत्र पर हस्ताक्षर करने का कोई अधिकार है। वंचित नेता ने कहा कि अगर वंचित को महाविकास अघाड़ी में शामिल करना है तो कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को इसकी मंजूरी देनी होगी। हमें बताया गया कि पूर्व सीएम अशोक चव्हाण और कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात महत्वपूर्ण हैं और वे ही निर्णय लेंगे। लेकिन मुझे भेजे गए पत्र पर इन दोनों नेताओं के हस्ताक्षर नहीं हैं।  उन्होंने कहा कि मविआ की तरह हमारी प्राथमिकता भी भाजपा-आरएसएस को हराना है। लेकिन विपक्षी गठबंधन में शामिल होने का फैसला ठोक बजा कर लिया जाएगा। 

ज्यादा सीट लेने के लिए दबाव
जानकारों का कहना है कि आंबेडकर की कोशिश मविआ पर इस तरह का दबाव बना कर ज्यादा सीट हासिल करने की है। सूत्रों के मुताबिक आघाडी के नेता वंचित को राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से एक से दो सीट देकर पटाना चाहते हैं। लेकिन आंबेडकर कांग्रेस, राकां और यूबीटी की तरह बराबर की हिस्सेदारी चाहते हैं। उन्होंने गठबंधन में शामिल सभी दलों के बीच 12-12-12-12 के फार्मूले की सिफारिश की है। हालांकि इसके लिए आघाडी के दल कभी राजी नहीं होंगे। लेकिन आंबेडकर कम से कम इस तरह का दबाव बना कर 4 सीटों को हथियाने में लगे हैं। उनकी नजर ख़ास तौर से अकोला व सोलापुर की सीट पर है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 2 फरवरी को होने वाली बैठक में क्या फैसला लिया जाता है। 

कांग्रेस ने जारी किया वीडियो
आंबेडकर के सवाल के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस ने प्रदेश प्रभारी रमेश चेन्नीथला का एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें वह कह रहे है कि वंचित के साथ बातचीत फाइनल करने के लिए उन्होंने पटोले, थोरात व अशोक चव्हाण को जिम्मेदारी दी है। ऐसे में जो फैसला बुधवार को लिया गया है। वह वंचित नेता को मान्य होना चाहिए।