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पुणे. पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation) के कई कर्मी दुर्घटना (Accident) का शिकार हो कर सदा-सदा के लिए विकलांग (Disabled) हो जाते हैं। ये लोग जीवन में काम नहीं कर पाते। इस वजह से उनका संसार उजड़ जाता है। इसलिए हादसों का शिकार होनेवाले ऐसे महानगरपालिका कर्मियों को पीएमसी बीमा सुरक्षा (Insurance Cover) देगी। महानगरपालिका के सभी कर्मियों को अब करीब 10 लाख का बीमा मिलेगा।

उसके बदले में उन्हें अपने वेतन से सिर्फ 136 रुपए प्रति माह देने होंगे। इस योजना पर अमल करना पीएमसी प्रशासन की ओर से शुरू किया गया है। मजदूर कल्याण विभाग इसमें मनपा कर्मियों को पूरी तरह से मदद करेगा। हाल ही में अतिरिक्त आयुक्त रूबल अग्रवाल द्वारा यह निर्देश जारी किए गए हैं। 

सभी अधिकारी और कर्मियों को लागू होगी योजना 

ज्ञात हो कि महापालिका के विभिन्न विभाग में कई सारे कर्मी काम करते हैं। उन पर ही शहर के सभी विकास कामों का जिम्मा होता है। इसमें अ गुट के अधिकारियों समेत ड गुट के कर्मियों का भी समावेश होता है। इन कर्मियों की सुरक्षा के लिए पीएमसी द्वारा विभिन्न योजना मुहैया की जाती है। पीएमसी की ओर से अपने कर्मियों को अब तक दुर्घटना बीमा नहीं दिया जाता था, लेकिन आगामी काल में पीएमसी के अधिकारियों और कर्मियों को बीमा का कवर मिलेगा। क्योंकि कोई कर्मी जब किसी हादसे की शिकार हो जाता था, तब उसका जीवन पूरी तरह से उजड़ जाता था। कई लोगों के दोनों हाथ, पैर, कइयों को अपनी आंख गंवानी पड़ती है। इस वजह से ये लोग काम करने के लायक नहीं रह जाते। ऐसे कर्मियों को अब पीएमसी बीमा के माध्यम से सहारा देगी। 

योजना से कर्मियों को काफी लाभ 

उल्लेखनीय है कि हाल ही में राज्य सरकार की ओर से अपने कर्मियों को इस तरह की योजना मुहैया की गई है। कर्मियों को यह योजना राज्य सरकार की ओर से 1 अप्रैल से शुरू की गई है। राज्य सरकार के निर्देशानुसार अब पीएमसी भी उनकी तर्ज पर अपने कर्मियों के लिए यह योजना मुहैया कराएगी। इसके तहत पीएमसी कर्मियों को 10 लाख का बीमा मिलेगा। जो लोग स्थायी रूप से विकलांग होंगे, उन्हें इस योजना का 100 प्रतिशत लाभ दिया जाएगा। क्योंकि विकलांगता कैसी है, उसके अनुसार कर्मियों को इसका लाभ मिलेगी। पीएमसी (PMC) में काम करनेवाले अ गुट के अधिकारियों से लेकर ड गुट के कर्मियों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इसके लिए इन कर्मियों को अपने वेतन से दर माह सिर्फ 136 रुपए देने होंगे। इस तरह की योजना से कर्मियों को काफी लाभ मिलेगा। 

संवितरण अधिकारी की होगी जिम्मेदारी  

कर्मियों के वेतन से 172 रुपए की राशि कट की जा रही है। अगर किसी कर्मी की राशि कट ना हुई या फिर लंबित रखी गयी और इससे कर्मियों को अगर इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, तो इसके लिए पूरी तरह से संबंधित लेखनिक को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। साथ ही उस पर अनुशासन भंग की कार्रवाई भी की जाएगी। मजदूर कल्याण विभाग के अनुसार अपने कर्मियों का वेतन कट हो रहा है या नहीं, इसकी जानकारी सभी विभागों के प्रमुखों को भी रखनी होगी। उससे पहले विभाग प्रमुख को अपने कर्मियों को इस योजना के बारे में पूरी तरह से जानकारी देनी होगी। ऐसा सर्कुलर में कहा गया है।