accident
File Photo

    Loading

    पिंपरी: तेज गति, लापरवाही, अनुशासनहीनता, ट्रैफिक नियमों के प्रति उदासीनता और लापरवाही सड़क दुर्घटनाओं (Road Accidents) को निमंत्रण दे रही हैं और यही वाहन चालकों की मौतों का सबब बन गई है। पिंपरी-चिंचवड पुलिस कमिश्नरेट (Pimpri-Chinchwad Police Commissionerate) की सीमा में इस साल जनवरी से जुलाई 2022 तक के सात महीनों में कुल 474 दुर्घटनाएं दर्ज हुई हैं, जिनमें 176 लोगों की मौत हुई है। इनमें से सर्वाधिक 107 लोगों की मौत दोपहिया वाहन हादसों (Two Wheeler Accidents) में हुई है।

    पिंपरी-चिंचवड पुलिस के ट्रैफिक विभाग के उपायुक्त आनंद भोइटे के मुताबिक, पुलिस कमिश्नरेट की सीमा के भीतर जनवरी से जुलाई 2022 तक इस साल के सात महीनों में कुल 474 दुर्घटनाएं हुई हैं। इनमें से 163 प्राणघातक दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 176 लोगों की मौत हुई। 235 दुर्घटनाएं दोपहिया वाहनों से संबंधित हैं। इसमें 99 प्राणघातक हादसे दर्ज किए गए हैं और इन हादसों में 107 लोगों की मौत हुई है। कुल 111 गंभीर स्वरूप के हादसे हुए हैं जिसमें 159 लोगों को गंभीर रूप से घायल होने के कारण उन्हें अस्पताल में एडमिट कराना पड़ा। 21 अन्य हादसों में 23 लोग मामूली रूप से चोटिल हुए।

    राहगीर और साइकिल सवार भी सुरक्षित नहीं 

    सड़क पर पैदल चलने वाले राहगीर और साइकिल सवार भी सुरक्षित नहीं रहे हैं। इन 7 माहों में राहगीरों से जुड़े कुल 129 हादसे हो चुके हैं। इसमें 43 घातक हादसों में 43 लोगों की मौत हो चुकी है। 70 गंभीर हादसों में 83 लोगों को गंभीर चोटों के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। साथ ही 16 अन्य हादसों में 17 लोगों को मामूली चोटें आई हैं। वहीं साइकिल से जुड़े कुल 12 हादसे हो चुके हैं।  इसमें 1 जानलेवा हादसे में एक की मौत हो गई है। 9 गंभीर हादसों में 9 लोगों को गंभीर चोटों के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। वहीं 2 छोटे हादसों में 2 लोगों को मामूली चोटें आई हैं।

     ऑटो रिक्शा से जुड़े कुल 15 हादसे दर्ज

    ऑटो रिक्शा से जुड़े कुल 15 हादसे दर्ज हर हैं। इसमें 5 जानलेवा हादसों में 6 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 5 गंभीर हादसों में 9 लोगों को गंभीर चोटों के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। साथ ही 5 अन्य हादसों में 8 लोगों को मामूली चोटें आई हैं।

    ट्रक या लॉरी से जुड़े कुल 24 दुर्घटनाएं हुई

    इस 7 माह की अवधि के दौरान कारों, टैक्सियों और हल्के मोटर वाहनों (एलएमवी) से जुड़े कुल 53 दुर्घटनाएं हुई हैं। इसमें 8 जानलेवा हादसों में 12 लोगों की मौत हो चुकी है। 11 गंभीर हादसों में 16 लोगों को गंभीर रूप से घायल होने पर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।  साथ ही 12 छोटे हादसों में 16 लोगों को मामूली चोटें आई हैं। ट्रक या लॉरी से जुड़े कुल 24 दुर्घटनाएं हुई हैं।  इसमें 7 प्राणघातक हादसों में 7 लोगों की मौत हो गई है। 7 गंभीर हादसों में 13 लोगों को गंभीर रूप से घायल होने पर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। साथ ही 2 छोटे हादसों में 2 लोगों को मामूली चोटें आई हैं। इस दौरान बसों को लेकर कुल 6 हादसे हो चुके हैं। 2 गंभीर हादसों में 5 लोगों को गंभीर रूप से घायल होने पर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। साथ ही एक हादसे में 1 व्यक्ति को मामूली चोटें आई हैं। ट्रैफिक पुलिस के अनुसार बढ़ते सड़क हादसों के लिए तेज गति, लापरवाही, अनुशासनहीनता, ट्रैफिक नियमों के प्रति उदासीनता और लापरवाही जिम्मेदार है।