Krishna-prakash

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    पिंपरी: अचानक हुए मियादपूर्व तबादले (Transfers) के बाद 200 करोड़ की अवैध वसूली संबंधित वायरल पत्र (Viral Letter) से आईपीएस अधिकारी कृष्ण प्रकाश (IPS Officer Krishna Prakash) चर्चा के घेरों में हैं। उन्होंने तबादले पर नाराजगी जताने के साथ झूठा और फर्जी पत्र वायरल (Fake Letter Viral) करनेवालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कही है। वहीं, अब उनके समर्थन में शहर के 50 सामाजिक संगठन एकजुट हो गए हैं। 

    एक संवाददाता सम्मेलन के जरिए राज्य सरकार से कृष्ण प्रकाश के मियादपूर्व तबादले का जवाब मांगने के साथ फर्जी लेटर वायरल करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है। इसके लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी भी दी गई है। 

    कई संगठनों ने किया तबादले का विरोध

    पिंपरी-चिंचवड के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश के समर्थन के लिए पिंपरी-चिंचवड शहर 50 से ज्यादा सामाजिक और राजनीतिक संगठन एकजुट हुए हुए हैं। उनके कामकाज की सराहना और प्रशंसा करते हुए उनके मियादपूर्व तबादले के पुरजोर विरोध किया गया है। इस संवाददाता सम्मेलन में बाबा कांबले (अध्यक्ष कष्टकरी जनता आघाडी), मानव कांबले, राहुल डंबाले (रिपब्लिकन युवा मोर्चा), धनराज चरणदास बिर्दा (उपाध्यक्ष राष्ट्रीय वाल्मिकी समाज), अजिज शेख (महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष: ट्रांसपोर्ट आघाडी आरपीआई) अंकुश कानडी (पूर्व नगरसेवक), अनिल जाधव (प्रदेश उपाध्यक्ष वंचित बहुजन आघाडी), संतोष निसर्गंध (अध्यक्ष बहुजन सम्राट सेना), रफिक कुरेशी (समाजवादी पार्टी पिंपरी- चिंचवड शहराध्यक्ष), शिवशंकर उबाले (शिवशाही युवा संगठन), सतीश काले (संभाजी ब्रिगेड शहराध्यक्ष), धनाजी येलकर (छावा संघटना संस्थापक अध्यक्ष), आशा कांबले (अध्यक्ष: घरकाम महिला सभा), दत्तात्रय शिंदे (राष्ट्रीय चर्मकार संघ पिंपरी चिंचवड शहर), रविन्दर सिंह (अध्यक्ष: अन्याय अत्याचार भ्रष्टाचार विरोधी समिती), हामीप शेख, राजश्री शिरवलकर (अपना वतन संगठन), फातिमा अन्सारी (मानव अधिकार कार्यकर्ता), सविता पाटील (महिला सुरक्षा फाउंडेशन ऑफ इंडिया), देवशाला सालवे (सोशल वर्कर), कृष्णा आदमाने (महाराष्ट्र संघर्ष सेना संस्थापक अध्यक्ष) आदि उपस्थित थे।