More than 10 lakh cases disposed in National Lok Adalat at the end of the year: Law Ministry

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    पिंपरी : लोक अदालत (Lok Adalat) में पुणे जिले (Pune District) के खेड़ तालुका में एक बड़ा परिवार माने जानेवाले पूर्व विधायक स्व. सुरेश गोरे के परिवार में करीब 50 साल से चली आ रही अदालती लड़ाई खत्म हो गई है। जमीन के विवाद में लोक अदालत में हुए इस समझौते ने कानून (Law) और न्याय क्षेत्र (Jurisdiction) को भी सुखद झटका दिया है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा शनिवार को ग्राम कचहरी में लोक अदालत का आयोजन किया गया। 

    स्व. नारायण मारुती गोरे, स्व. देवराम मारुती गोरे, स्व. नामदेव सोपाना गोरे, स्व. गुलाब सोपाना गोरे, पूर्व विधायक स्व. सुरेश गोरे और सखाराम मलीभाऊ गोरे के परिवारों में रोहकल और चाकण की कुछ जमीन को लेकर पिछले 50 सालों से विवाद चल रहा था। खेड़ तालुका के सबसे बड़े परिवार के बीच 1972 से लेकर 50 साल पुराना भूमि आवंटन विवाद आखिरकार लोक अदालत कोर्ट में सुलझा लिया गया।

    50 साल पुराने भूमि विवाद मामले के समझौते से निबटने की छवि समाज में उम्मीद जगायेगी

    मुख्य अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश राजुरकर जिला और राजगुरुनगर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अंबलकर के मार्गदर्शन में तालुका सिविल जज म्हस्के और एडवोकेट अजय पडवाल के पैनल में समझौता कर उक्त विवाद का निपटारा किया गया। 50 साल पुराने विवाद को निपटाने के बाद वादी और प्रतिवादी के बुजुर्ग और युवकों ने एक बार फिर से एक दूसरे को मुआवजा देने के लिए एक साथ आकर समाज के सामने एक मिसाल कायम की है। मामला शनिवार को लगी लोक अदालत की सबसे बड़ी कामयाबियों में से एक बनकर सामने आया है। परिजनों ने कहा कि 50 साल पुराने भूमि विवाद मामले के समझौते से निबटने की छवि समाज में उम्मीद जगायेगी। इस विवाद को निपटाने के लिए परिजनों ने यह भी कहा कि स्व सुरेश गोरे भी यही चाहते थे।