Biogas Plants

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    पुणे: नए राष्ट्रीय बायोगैस और जैविक खाद प्रबंधन कार्यक्रम के तहत महाराष्ट्र (Maharashtra) में 5,000 बायोगैस संयंत्र (Biogas Plants) स्थापित किए जाएंगे। इस योजना का क्रियान्वयन जिला परिषद (Zilla Parishad) के माध्यम से किया जाएगा। कोल्हापुर (Kolhapur),  पुणे (Pune) और अहमदनगर (Ahmednagar) जिलों को सबसे ज्यादा टारगेट दिया गया है। 

    केंद्र सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने कृषि के लिए पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा उत्पादन और जैविक खाद को बढ़ावा देने के लिए देश भर में बायोगैस संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई है। इस हिसाब से महाराष्ट्र में 5,200 प्लांट लगाए जाएंगे। पुणे में 505 प्लांट लगेंगे। इस संबंध में पत्र राज्य के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा सभी जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को भेज दिया गया है।

    10 हजार से 70 हजार रुपए तक की सब्सिडी

    केंद्र सरकार के पास बायोगैस संयंत्रों को शौचालयों से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने की नीति है। इसके अनुसार, राज्य में 2,500 शौचालयों को बायोगैस से जोड़ा जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने सब्सिडी बढ़ा दी है। लाभार्थियों को मापदंड के अनुसार, प्रति संयंत्र 10 हजार से 70 हजार रुपए तक की सब्सिडी मिलेगी। केंद्र सरकार ने पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाने, पारंपरिक ऊर्जा के उपयोग को कम करने, गैर-पारंपरिक या नई और नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करने और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए यह योजना शुरू की है। पिछले वर्ष इस संबंध में कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया था, लेकिन इस वर्ष लक्ष्य निर्धारित कर मार्च अंत तक पूरा करना हैं।

    विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बायोगैस संयंत्र स्थापित किए जा रहे

    बायोगैस संयंत्र स्थापित करने की केंद्र की योजना से नागरिकों को लाभ होगा। बायोगैस होने पर एलपीजी गैस की कोई आवश्यकता नहीं है। पुणे जिला परिषद बायोगैस के व्यावसायिक उपयोग को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। योजना चल रही है कि पूरा गांव और बस्ती एक बायोगैस परियोजना शुरू करें, जितनी जरूरत हो उतनी खपत करें और शेष बायोगैस उद्योगों को आपूर्ति करें। इस संयंत्र के घोल का उपयोग जैविक खाद के रूप में किया जाता है। जिला परिषद पुणे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आयुष प्रसाद ने कहा कि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जिले में बायोगैस संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं।