70 से 80 फीसदी सीसीटीवी कैमरे बंद, PMC प्रशासन की लापरवाही

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    पुणे:  नांदेड़, किरकट वाड़ी और खड़कवासला गांवों में लगे 70 से 80 फीसदी सीसीटीवी कैमरे, जो पुणे महानगरपालिका में शामिल होने से कुछ महीने पहले लाखों रुपए की लागत से लगाए गए थे, फिलहाल बंद पड़े हैं।  इन गांवों को पुणे महानगरपालिका (PMC) में शामिल किए जाने के बाद से बंद कैमरों की एक बार भी मरम्मत नहीं की गई है।  जिससे यह समस्या उत्पन्न हो गयी है। 

    किरकटवाड़ी गांव की सीमाओं के भीतर कुल 64 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे।  इनमें से सिर्फ 17 कैमरे चालू हैं और 47 बंद हैं।  खड़कवासला गांव की सीमा में कुल 33 कैमरे लगाए गए थे, जिनमें से केवल 5 कैमरे चालू हैं और 28 कैमरे बंद हैं।  दोनों गांवों के करीब 70 से 80 फीसदी कैमरे फिलहाल बंद हैं और प्रशासन मरम्मत की उपेक्षा करता नजर आ रहा है। 

    जेपी नगर में हाल ही में हुआ था उद्घाटन

    नांदेड़ गांव की सीमा के भीतर सिंहगढ़ रोड से सटी जयप्रकाश नारायण नगर कॉलोनी में लाखों रुपए की लागत से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।  कुछ महीने पहले ही उद्घाटन हुआ था, लेकिन एक दिन भी कैमरे चालू नहीं हो सके।  ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कैमरे सिर्फ दिखावे के लिए लगे हैं?

    दुर्घटना के बाद पता चलता कैमरा बंद है

    इलाके में चोरी, तोड़फोड़, मारपीट के मामले में घटना के बाद पुलिस या स्थानीय नागरिक दुर्घटना के बाद इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों को चेक करने गए।  तो पता चला की कैमरे बंद पड़े हैं।  इसलिए नागरिकों की सुरक्षा के लिए लगाए गए कैमरे बेकार साबित हो रहे हैं।  नांदेड़ गांव के रहिवासियों का कहना है कि पच्चीस सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन वे एक भी दिन चालू नहीं हुए।  लाखों रुपए खर्च कर कैमरे तो लगाए गए, लेकिन इनका उपयोग नहीं किया गया।  नागरिकों को उद्घाटन की तस्वीरों के जरिए बस संतुष्ट किया जा रहा है।  आरोप है कि जब तक ये गांव ग्राम पंचायत के पास थे तब तक उनकी नियमित मरम्मत होती थी पर पीएमसी में गांवों के समावेश के बाद से कैमरों के मरम्मत की अनदेखी की जा रही है। 

    उचित कार्रवाई की जाएगी

    पुणे महानगरपालिका के  सिंहगढ़ रोड क्षेत्रीय कार्यालय के सहायक आयुक्त संजीव ओहोल ने  बंद सीसीटीवी कैमरों की विस्तृत जानकारी लेकर उचित कार्रवाई करने की बात कही है।