पिंपरी: बीजेपी नेता किरीट सोमैया (Kirit Somaiya) ने आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) युद्धपोत को बचाने के लिए फंड (Fund) जुटाया था। हालांकि, हाल ही में यह खुलासा हुआ है कि सोमैया की ओर से गवर्नर हाउस को कोई फंड नहीं मिला है। इसलिए पिंपरी शिवसेना (Shiv Sena) ने सोमैया के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की है। इस संबंध में शिवसेना के नेता और पदाधिकारियों ने पिंपरी पुलिस को ज्ञापन दिया है।
शिवसेना नेताओं के प्रतिनिधि मंडल में पूर्व विधायक गौतम चाबुकस्वार, महिला शहर संगठक ऊर्मिला कालभोर, पिंपरी विधानसभा प्रमुख राजेश वाबले, उप शहर प्रमुख अमोल निकम, समनव्यक पिंपरी गणेश आहेर, माधव मुले, विभाग प्रमुख सय्यद पटेल, विभाग संगठक खंडू शिरसाट, गजानन धावडे आदि उपस्थित थे।
आईएनएस विक्रांत के नाम पर लिया था फंड
शिवसेना के बयान में कहा गया है कि युद्धपोत आईएनएस विक्रांत ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालाँकि, उसकी उम्र समाप्त होने के कारण, उसे समाप्त कर दिया जाना था। आईएनएस विक्रांत को राज्य में रखने के लिए किरीट सौमैया ने कुछ साल पहले फंड जुटाने के लिए ‘सेव विक्रांत’ आंदोलन शुरू किया था। उस समय हम राजभवन में 200 करोड़ रुपए जमा करेंगे, सोमैया ने कहा था। साल 2013-14 में उन्होंने मुंबई के विभिन्न स्टेशनों के बाहर खड़े होकर आम नागरिकों, नौसेना अधिकारियों और कर्मचारियों से फंड जुटाकर विक्रांत नौत के लिए सैकड़ों करोड़ रुपए जुटाए थे।
सोमैया ने देश के साथ विश्वासघात किया
हालांकि, आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए जुटाई गई राशि राज्यपाल के कार्यालय तक नहीं पहुंची, राज्यपाल कार्यालय द्वारा आरटीआई में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। उन पर फिलहाल आईएनएस विक्रांत के पैसे का इस्तेमाल अपने बेटे की कंपनी और चुनाव के लिए करने का आरोप है। सोमैया ने देश के साथ विश्वासघात किया है, उन्होंने 100 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है। यह स्पष्ट होता जा रहा है। इसलिए किरीट सोमैया के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। देश के साथ उनका विश्वासघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।