corona
File Photo

Loading

पुणे: कोरोना (Corona) के ठीक होने के बाद 80 प्रतिशत मरीज (Corona Patient) गंध पहचान नहीं पा रहे हैं, यह बात पुणे स्थित आईसर (राष्ट्रीय विज्ञान संस्था) के वैज्ञानिक डॉ. निक्सॉन अब्राहम (Scientist Dr. Nixon Abraham) के रिसर्च (Research) से सामने आई है। इस रिसर्च के अनुसार, अधिकांश मरीज ठीक हो गए हैं, लेकिन कई मरीज ऐसे हैं जिनकी गंध (Smell) पहचानने की क्षमता ही खत्म हो गई है। यह रिसर्च 29 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुई है। 

डॉ. निक्सॉन और उनकी टीम ने अल्पॉक्सोमीटर डेवलप किया है। उन्होंने कोविड से ठीक हुए 200 मरीजों का टेस्ट इस मशीन से किया है। इसमें उन्होंने संबंधित लोगों को 10 प्रकार के गंध सूंघने के लिए दिए तो पता चला कि उनमें से 80 प्रतिशत मरीजों की गंध पहचानने की क्षमता पर परिणाम हुआ है। कई मरीजों गंध पहचान नहीं पाए। यह टेस्ट डॉ. निक्सॉन और उनकी टीम ने बी.जे.और ससून मेडिकल कॉलेज की मदद से की। उन्होंने यह रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय जर्नल ‘न्यूरोबायोलॉजी’ को भेजी। यह रिपोर्ट हाल ही में पब्लिश हुई है। उनके रिसर्च के अनुसार कोविड-19 की लहर से कइयों के गंध लेने की क्षमता पर विपरीत परिणाम हुआ है।

न्यूरल सर्किट में हुआ परिणाम

डॉ. अब्राहम की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना संक्रमण के बाद मरीजों के न्यूरल सर्किट में विपरित परिणाम हुआ हैं। यह मामला दिमाग से संबंधित है, जहां गंध पहचानने की संवेदना जागरूक होती है। अधिकांश मरीजों पर यही परिणाम हुआ है। कोविड से ठीक होने के बाद कइयों में गंध पहचाने की क्षमता फिर से लौट आई, लेकिन ऐसे कई मरीज हैं, जो किसी भी तरह का गंध पहचान नहीं सकें।