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    पिंपरी: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक अण्णा बनसोडे (MLA Anna Bansode) ने जिला कलेक्टर से मांग की है कि जब तक रेलवे लाइन (Railwayline) के पास की झुग्गी बस्तियों (Slums) में रहने वालों का पुनर्वास नहीं हो जाता, तब तक कोई अतिक्रमण कार्रवाई नहीं की जाए। इस पर कलेक्टर ने रेल प्रशासन से जिन झोपड़ी मालिकों को नोटिस (Notice) भेजा गया है उनके नामों की सूची (List) मांगी है। नतीजन अतिक्रमण की कार्रवाई तत्काल रोक दी गई है। इससे झुग्गी धारकों को राहत मिली है।

    विधायक बनसोड़े ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पुणे-मलवाली रेलवे लाइन के साथ 30 से 40 वर्ष पुरानी झुग्गी बस्तियों के खिलाफ अतिक्रमण कार्रवाई का आदेश दिया है। अदालत ने 6 महीने की अवधि के लिए कार्रवाई के दौरान विस्थापित होने वाले परिवार या झोपड़ी मालिक को 2,000 रुपए का भुगतान करने का भी आदेश दिया।  इस आदेश में कहा गया है कि जिला प्रशासन की मदद और स्थानीय प्रशासन (नगरपालिका, महानगरपालिका) के सहयोग से अतिक्रमण हटाया जाए।

    समन्वय समिति का गठन

    पिछले हफ्ते उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने रेलवे, स्लम पुनर्वास, महानगरपालिका और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर एक समन्वय समिति का गठन किया था। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि वे झुग्गीवासियों का पुनर्वास किए बिना कोई कार्रवाई न करें।  रक्षा मंत्री के सुझाव पर इस समन्वय समिति की हालिया एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में जिला कलेक्टर राजेश देशमुख, रेल प्रशासक मुसले, पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका के अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र वाघ, सहायक आयुक्त अन्ना बोदडे और पुणे महानगरपालिका के अधिकारी मौजूद थे। इस बीच बैठक के दौरान जिला कलेक्टर ने उन झोपड़ी मालिकों के नामों की सूची की मांग की, जिन्हें रेल प्रशासन द्वारा नोटिस भेजा गया था। हालांकि रेलवे अधिकारियों ने जिला कलेक्टर को बताया कि सूची तैयार नहीं हुई है। रेलवे प्रशासन ने कहा कि वह जल्द ही सूची सौंपेगा।

    झुग्गी-झोपड़ियों की सूची तैयार की जानी चाहिए

    अदालत ने सरकार को कुल छह महीने के लिए झुग्गी बस्तियों में रहने वालों को 2,000 रुपए प्रति माह का भुगतान करने का आदेश दिया है। कलेक्टर ने कहा कि मुझे प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने के लिए राज्य सरकार को एक प्रस्ताव भेजने की जरूरत है। यदि आपने प्रभावित परिवारों की सूची नहीं बनाई है या सर्वेक्षण नहीं किया है, तो तुरंत एक सर्वेक्षण किया जाना चाहिए और प्रभावित झुग्गी-झोपड़ियों की सूची तैयार की जानी चाहिए। उसके अनुसार मुआवजा दिया जाना चाहिए। उसके बाद अतिक्रमण हटाने में रेल प्रशासन की मदद की जाएगी। जिला कलेक्टर ने देखा कि समन्वय समिति की बैठक में रेल प्रशासन ने जूनियर स्तर के अधिकारियों को भेजा था।  इस पर अगली बैठक में सीनियर अधिकारियों के उपस्थित रहने के निर्देश दिया गया। विधायक बनसोड़े के कार्यालय के अनुसार, शिवाजी नगर से पुणे के आकुर्डी और मलवली और पिंपरी-चिंचवड तक रेलवे लाइन के किनारे झुग्गियों में रहने वाले 16,000 परिवारों को अस्थायी राहत मिली है। इस बैठक में उनके निजी सहायक अजीत गरुड़ और पूर्व नगरसेवक प्रसाद शेट्टी मौजूद थे।