नवभारत न्यूज नेटवर्क
मुंबई: महाराष्ट्र सहित पूरा देश चुनावी रंग में रंग चुका है। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव आयोग शनिवार को चुनावी कार्यक्रम एवं आचार संहिता का ऐलान कर सकता है। इसी बीच राकां (अजित गुट) के प्रमुख एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) का एक बयान सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की महायुति सरकार के लिए मुसीबत का सबब बन सकता है। लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बारामती के दौरे पर ये कहकर बवाल खड़ा कर दिया है कि उन्होंने एक ऐसे आरोपी को कानून के शिकंजे से बचाया था, जिसके खिलाफ पुलिस मकोका (MCOCA) के तहत कार्रवाई करने वाली थी।
अजित पवार ने गुरुवार की रात नीरव गज में एक सभा के दौरान एक किस्सा सुनाया। पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष विश्वास देवकाते (नाना) को मदद करके किस तरह से उपकृत किया था, यह बताने के प्रयास के दौरान अजित ने कहा कि उन्होंने किस तरह से नाना के करीबी को मकोका की कार्रवाई से बचाया था। अजित ने कहा कि बारामती में एक आदमी का नाम बताओ जो बदमाशी करता है, मैं उसे देखता हूं। सभी को समान न्याय मिलना चाहिए। दबंगई, मनबढ़ई नहीं चलेगी। नाना से पूछो, नाना के एक परिचित के खिलाफ मकोका लगाया जा रहा था। उस समय विभिन्न सहयोगियों ने कहा कि दादा एक बार इसे बचा लो। उस वक्त मैंने कहा कि पहली बार कर रहा हूं, दूसरी बार नहीं सुनूंगा। तब अधिकारियों ने कहा कि दादा आप इतने अनुशासित रहते हैं फिर ऐसे लोगों को समर्थन क्यों कर रहे हैं? ऐसी जानकारी देते हुए अजित ने आगे कहा कि तब मुझे भी गलत होने का एहसास हुआ था, लेकिन अपने लोगों के कारण कई बार ऐसा करना पड़ता है। अजीत के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में ऐसे सवाल उठने लगे हैं कि क्या अजीत दादा अपराधियों की रक्षा करते हैं?
फिसली जुबान पर उठा सवाल
जितेंद्र आव्हाड, शरद पवार गुट दादा के विधायक ने तंज कसते हुए कहा, दादा सचमुच निश्चल विचारों वाले व्यक्ति हैं. देखिए, वे कितने भोले हैं. उन्होंने पूरे महाराष्ट्र को बता दिया कि मैंने मकोका के आरोपी को रिहा कर दिया।
सुषमा अंधारे, उपनेता- शिवसेना (उद्धव गुट) ने कहा, कानून-व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी होती है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री पद पर बैठा एक बेहद जिम्मेदार व्यक्ति अगर इस तरह गैर जिम्मेदाराना तरीके से बयान दे रहा है तो यह गंभीर है।